पटना। बिहार में बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लालू यादव, तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। वहीं, जदयू के भी गिरिराज सिंह के बयान का समर्थन करते हुए लालू परिवार के साथ असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में एक बार फिर बिहार में सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने गिरिराज सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि परिवार के लिए ही लोग जीते हैं। आजकल राजनीति का नया दौर आ गया है। परिवार के लिए जिएं, परिवार के लिए मॉल बनाइए, परिवार के लिए संपत्ति बनाइए और परिवार को ऐसी सियासी ट्रेनिंग दीजिए कि अपने भी उसी राजनीतिक कुकर्म में जेल जाइए और बेटे को भी रास्ता वही दिखाइए।
तेजस्वी यादव के यात्रा निकालने से जुड़े सवाल पर नीरज ने कहा कि बिहार में ये कौन यात्रा निकालेंगे? जो विधानमंडल के चलते सत्र को छोड़ दे, इस अर्थ यह हुआ कि आप विधायी कार्य के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जो जनविश्वास यात्रा है, उसको संपत्ति विश्वास यात्रा में तब्दील करिए। आम लोगों को बताइए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चलते सदन में कहा कि कुछ लोग दूसरे काम में लगे हुए थे।
कौन काम था, जुबान खामोश है और जब इस संबंध में जांच का मंत्रिमंडल सचिवालय ने परिपत्र जारी कर दिया। उसके बाद भी जुबान नहीं खुल रही है। इसका मतलब भ्रष्टाचार की दुर्गंध सामने आ रही है, तो जांच होगी, नतीजे आएंगे, तब तो कहीं चेहरा दिखाने लायक नहीं रहिएगा। नीरज कुमार ने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ओवैसी के बारे में ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नहीं है। ये राजनीति के छुर-छुरी पटाखा, ये अपना मंतव्य केवल उत्तेजना फैलाने के लिए देते हैं। इनके पास राजनीति में नीतियों की पूंजी नहीं है। बल्कि, केवल उन्माद भरी भाषा है। उन्माद भरी भाषा का जवाब देने के लिए कोई बैठा है? ये गांधी का देश है। ये उन्माद का देश नहीं है।
इससे पहले सांसद गिरिराज सिंह ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि देश के प्रधानमंत्री, जो प्रथम दिन 2014 में लोकतंत्र के मंदिर की सीढ़ी को प्रणाम किया, उनको क्या है? वो तो संत आदमी हैं। अकाउंट में पैसा नहीं, कोई जमीन नहीं, कोई मकान नहीं, वो राष्ट्र के लिए जीते हैं और राष्ट्र के लिए मरते हैं। जो दूसरे सियासी दल हैं, वो अपने वंश को आगे बढ़ाते हैं। लालू यादव हैं अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए, मुलायम सिंह बना दिए। अब इधर देखिए ममता बनर्जी अपने भतीजे को, स्टालिन अपने बेटे को, पूरे देश में ये जो गठबंधन है, इंडी गठबंधन, ये अपने परिवारवाद का है। नरेंद्र मोदी राष्ट्रवाद के प्रतीक हैं। कहां से दोनों का मेल खाएगा। कोई राष्ट्र के लिए मरेगा और कोई परिवार के लिए मरेगा, तो जनता राष्ट्र के लिए किसके साथ होगी?