छपरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना सूर्य घर योजना को धरातल पर उतारने में डाक विभाग पूरी तत्परता से जुट गया है। इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए डाककर्मी घर-घर जाएंगे। उनके बिजली का कागजात, आधार कार्ड व छत की जांच करेंगे। इसके बाद जितने किलोवाट का सोलर पैनल लगाना होगा, उसके लिए उनकी प्रक्रिया आनलाइन शुरू हो जाएगी। छपरा जिले में 30 हजार घरों पर प्रधानमंत्री के सूर्य घर योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए छपरा मुख्य डाकघर के उप अधीक्षक मुकेश कुमार लस्कर ने बताया कि सूर्य से प्राप्त ऊर्जा से घर दुकान और फैक्टरी में बिजली के पारंपरिक श्रोत के अलावे अपनी जरूरत का बिजली उत्पादन करने की पूरी योजना भारत सरकार द्वारा बनाई गई है।
उसमें एक किलोवाट से लेकर जितनी क्षमता तक आवश्यकता हो उतने किलोवाट का यूनिट लगाया जा सकता है। सरकार अपनी इस योजना में एक किलो वाट क्षमता पर 30 हज़ार रुपये की सब्सिडी देगी। वहीं तीन किलोवाट पर 78 हज़ार रुपये और उससे आगे की क्षमता पर 15 हजार रुपये के गुणांक पर सब्सिडी देने की योजना है। उन्होंने यह भी बताया कि एक किलोवाट पर 100 स्क्वायर फीट की जगह छत पर चाहिये, जिसमें किलोवाट के बढ़ते क्रम में थोड़ी थोड़ी जगह भी बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि दो किलोवाट तक की क्षमता पर 200 यूनिट बिजली लाभार्थी को दिया जाएगा। वही तीन किलोवाट में 300 यूनिट बिजली फ्री देने की योजना है। वही उससे ज्यादा उत्पादन होने पर ग्रिड उस बिजली का इस्तेमाल करेगा। 50 हजार से लेकर एक लाख चालीस हजार रुपये का खर्च एक से तीन किलोवाट के यूनिट में आयेगा। उसमें से 30 हज़ार से लेकर 78 हजार तक सब्सिडी देने की योजना सरकार की है। डाक विभाग के डाकिया घर जाएंगे और इच्छुक लोगों से एक एप के माध्यम से उनका आधार नम्बर, बिजली के मीटर का नंबर लेकर उनका निबंधन करेंगे। उसके बाद विभाग के लोग आएंगे और यूनिट की स्थापना सहित कार्यो को अंजाम देंगे। बिजली विभाग अगले 25 वर्षों तक सोलर सिस्टम की देख रेख करेगा। उससे उपभोक्ता बिजली की बढ़ती कीमतों और लोड शेडिंग की समस्या से बचते हुए निर्बाध बिजली का इस्तेमाल कर सकेंगे।