- प्रधानाचार्य बनाए जाने के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कॉलेज गेट पर किया धरना प्रदर्शन
सासाराम। भ्रष्टचार के आरोप में फंसे सासाराम स्थित शेरशाह महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ कृष्ण प्रसाद को पुनः प्रधानाचार्य बनाए जाने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कृष्ण प्रसाद को उसी महाविद्यालय का पुनः प्रधानाचार्य बनाए जाने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने आज कॉलेज के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया और भ्रष्ट प्रधानाचार्य को हटाने का मांग किया। बता दे की महाविद्यालय के कर्मियों से वेतन भुगतान के लिए 10 प्रतिशत कमीशन मगने के आरोप में 12 अक्टूबर 2022 में कृष्णा प्रसाद को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया था। महाविद्यालय के कर्मचारी द्वारा बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था और कर्मचारी रामभगत सिंह द्वारा 18 जुलाई 2021 को सासाराम मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
दर्ज प्राथमिकी और कमीशन मांगने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद डॉ कृष्ण प्रसाद को प्रधानाचार्य पद से हटा दिया था। इधर कमीशन मांगने के आरोप में डॉ कृष्ण प्रसाद को जेल भी जाना पड़ा था। फिलहाल अभी डॉ कृष्ण प्रसाद बेल पर बाहर है और इनपर भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है। इस दौरान कृष्णा प्रसाद को पुनः प्रधानाचार्य बनाए जाने पर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों के गले से यह बात नीचे नही उतर रही है की भ्रष्टाचार का केस चलने और बेल पर बाहर निकले कृष्णा प्रसाद को आखिर पुनः प्रधानाचार्य कैसे और किस आधार पर बनाया गया।
बता दें की आरा विश्व विद्यालय ने अपने पत्रांक संख्या 1785 दिनांक 14/10/2022 के आलोक में केश का हवाला देते हुए गिरफ्तारी के बाद बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 यथा संशोधित अधतन की धारा 69 में निहित प्रावधान के आलोक में डॉक्टर कृष्ण प्रसाद को निलंबित कर दिया था।वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा ने डॉ कृष्ण प्रसाद को पुनः महाविद्यालय का प्रधानाचार्य के रूप में नियुक्त कर दिया है। साथ ही साथ महाविद्यालय के सभी प्रकार के बैंक खताओं के संचालन कोषेक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर करने के लिए भी अधिकृत कर दिया गया है। भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे डॉक्टर कृष्ण प्रसाद का पुनः इस महाविद्यालय में प्रधानाचार्य बनना लोगों के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। सूत्रों की माने तो डॉक्टर कृष्ण प्रसाद मोटी रकम के बल पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य बने हैं और उनके कार्यकाल में एक बार फिर महाविद्यालय में घोटाले का दौर शुरू होगा।