सासाराम। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश से टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने सभी राज्य सरकार के माध्यम से प्रत्येक जिले को उन्मूलन अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने के लिए अपील किया है। इसी अभियान को सफल बनाने के लिए रोहतास जिले में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि जिले में प्रति महीने 250 से अधिक टीबी के मरीज मिल रहे हैं। फरवरी में सर्वाधिक 270 नए टीबी के मरीज पाए गए जिनमे बड़ो के साथ साथ बच्चे भी शामिल हैं। टीबी बीमारी से बड़ो को बचाने के साथ साथ बच्चों को भी इस बीमारी से बचाने के लिए के जिला स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। रोहतास जिला यक्ष्मा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 2000 से अधिक टीबी के मरीज हैं जिनका इलाज जारी है। लोगों को टीबी बीमारी से बचाने के लिए यक्ष्मा विभाग द्वारा टीबी से ग्रसित लोगों को लगातार मोबलाइज किया जा रहा है। ताकि उनके घर मे रह रहे अन्य सदस्यों के साथ साथ आसपास के लोग इस बीमारी की चपेट में ना आ जाए। साथ ही जो इस बीमारी की चपेट में आ चुके है उन्हें रहन सहन ने परिवर्तन लाने की सलाह दी जा रही है।
बड़ों के साथ साथ बच्चों से बनाएं दूरी
जिला सीडीओ डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि टीबी बीमारी छुआछूत की बीमारी नहीं है परंतु कुछ ऐसे कारण है जिससे यह बीमारी आसानी से एक दूसरे में फैलती है। यदि ऐसे कारणों को जानकर रहन-सहन में थोड़ा परिवर्तन किया जाए तो इस बीमारी को दूसरे व्यक्ति ने फैलने से 80 से 90 प्रतिशत रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि वैसे लोग जो टीबी बीमारी से ग्रसित है उन्हें थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खासकर उस समय जब वे घर के अन्य सदस्यों के साथ रह रहे हों या अपने सहयोगी से वार्तालाप कर रहे हों। क्योंकी कुछ परिस्थितियों में खांसने से भी इसके कीटाणु दूसरे लोगों में प्रवेश कर सकते है। इसलिए बात करते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। इसके अलावा जहां-तहां ना थूंके क्योंकि यह बीमारी अधिकांशत: थूकने और खाने के माध्यम से दूसरे लोगों में फैलती है।
विश्व यक्ष्मा दिवस पर निकाली जाएगी रैली
डॉ राकेश कुमार ने बताया की 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर सदर अस्पताल में जागरूकता रैली निकाल कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। सीडीओ ने बताया की टीबी एक खतरनाक बीमारी है परंतु आज इसका पूर्ण इलाज है। समय से इसकी पहचान कर इलाज शुरू किया जाए तो टीबी बीमारी को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा की टीबी का जांच और इलाज सदर अस्पताल में पूरी तरह नि:शुल्क होता है। इसलिए टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराएं।