पटना : लोकसभा चुनाव के छठे चरण में एक तरफ जीत का छक्का लगा चुके उम्मीदवार सातवीं बार सांसद बनने की दौड़ में शामिल हैं तो कई पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं, जो पहले भी लोकसभा का चुनाव लड़े हैं, पर जीत हासिल नहीं हो सकी है। इस चरम में बिहार की 8 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होना है, जिनमें वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज शामिल है। छठे चरण की सात सीटों पर एनडीए और महागठबंधन उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं, सीवान में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय दिख रहा है।
पूर्वी चंपारण से भाजपा उम्मीदवार व पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह अब तक छह बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। 2009 से लगातार इस सीट पर जीत रहे राधामोहन सिंह का इस बार वीआईपी के प्रत्याशी राजेश कुमार से टक्कर है। राजेश कुमार विधायक रह चुके हैं। जीते तो पहली बार सांसद बनेंगे। वहीं, राधामोहन सिंह लगातार चौथी बार जीतेंगे तो सातवीं बार लोकसभा में जाएंगे। पश्चिम चंपारण में भाजपा के डॉ. संजय जायसवाल का मुकाबला कांग्रेस के मदन मोहन तिवारी से है। डॉ. जायसवाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और लगातार तीन बार से वहां जीत रहे हैं। वहीं, मनोज मदन मोहन तिवारी जीते तो पहली बार संसद में जाएंगे। वाल्मिकीनगर में जदयू के उम्मीदवार सुनील कुशवाहा मैदान में हैं। उनकी लड़ाई राजद के दीपक यादव से है। 2020 के उपचुनाव में यहां से सुनील कुशवाहा जीते थे। 2019 में यहां से बैद्यनाथ प्रसाद महतो जीते थे, जिनके निधन के बाद यहां उपचुनाव हुआ था। बैद्यनाथ प्रसाद महतो के पुत्र हैं सुनील कुशवाहा।