पटना। किसानों की आय बढ़ाने एवं कृषि को लाभकारी बनाने के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा खेतों की मिट्टी की जांच कराने पर जोर दे रही है। इसी क्रम में गुरुवार को कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने विभागीय अधिकारियों के साथ मिट्टी जांच योजना की समीक्षा की। उन्होंने कृषि सचिव संजय अग्रवाल से तत्काल मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं में रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए। इस दौरान अग्रवाल ने मंत्री को बताया कि वर्तमान में 207 पद सहायक अनुसंधान पदाधिकारी, 75 पद प्रयोगशाला सहायक, 26 पद सहायक निदेशक (रसायन), मिट्टी जांच, 22 लिपिक के पद सहित कुल 330 पद रिक्त हैं। साथ ही, राज्य के नौ प्रमंडलों के चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तकनीकी कर्मियों की नियुक्तियां होगी।
कृषि मंत्री पूरे कृषि विभाग के लिपिकों के लिए एक कैडर बनाकर 15 दिनों के अंदर एक नियमावली बनाने का निदेश अधिकारियों को दिया, जिससे मिट्टी जांच प्रयोगशाला सहित कृषि विभाग के अन्य कार्यालयों में लिपिकों के रिक्त पदों पर बड़ी संख्या में नियुक्ति की जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रमंडल स्तर पर संचालित नौ चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं के लिए पूर्व से रूट चार्ट निर्धारित किया जाए, ताकि किसानों को यह पता चल सके कि उनके गांव में कब चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला आएगा। इससे किसानों को अपने खेतों के मिट्टी की जांच कराने में सुविधा होगी। बैठक में कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य बीज निगम आशुतोष कुमार वर्मा, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, अपर निदेश (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (रसायन), मिट्टी जांच प्रयोगशाला विनय कुमार पाण्डेय के अलावा सभी जिलों के सहायक निदेशक (रसायन) उपस्थित थे।