पटना : बिहार की कई नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं। गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान और महानंदा नदी उफान पर हैं। कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जिसमें सुपौल, मधेपुरा, गोपालरंज समेत कई जिले शामिल हैं। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नदियों में बढ़ते जलस्तर के देखते हुए पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आपदा के दौरान उचित प्रबंध करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश ने वाल्मीकि नगर में गंडक बराज, बगहा में कैलाश नगर, शास्त्री नगर समेत कटाव क्षेत्रों का जायजा लिया।
आपको बता दें जल संसाधन विभाग के अनुसार उत्तर बिहार की प्रमुख नदियां उफान पर हैं। गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान और महानंदा नदी कुछ जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंडक बराज से 4.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जिससे पश्चिम चंपारण जिले के दियारा क्षेत्र के गांव जलमग्न हो गए हैं। बगहा शहर के भी कुछ इलाकों में नदी का पानी पहुंचा है। यही हालात, सुपौल जिले में कोसी तटबंध पर बसे गांवों का भी है। लोगों के घरों तक दो-दो फीट पानी पहुंच गया है। पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मधेपुरा और सहरसा जिले में भी बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। वहीं इससे पहले बगहा में गंडक के पानी में फंसे दियारा क्षेत्र के 100 से अधिक लोगों को एसडीआरएफ की मदद से बचा लिया।
रविवार को अधिकतर लोग घर लौट आए हैं। वहीं, कुछ लोग दियारा में ही सुरक्षित जगहों पर रुके हैं। इस दौरान बाढ़ के पानी में फंसे बच्चे-बुजुर्ग व महिलाओं ने करीब 24 घंटे तक घोठा (दियारा में खेती की देखभाल करने को बनाया घर) के छप्पर पर बिताए। अभी भी कई लोग फंसे हैं, जिनको निकालने का काम जारी है। 40 लोगों को कैलाशनगर के नारायणापुर घाट पर रेस्क्यू किया गया। सेमरा-लबेदहा रेता के लोगों को रेस्क्यू कर पिपरासी ले जाया गया। अभी कुछ लोग गंडक पार में सुरक्षित स्थानों पर रुके हैं।