पटना : 2024 में बिहार में पुल पुलिया के ध्वस्त होने का रिकॉर्ड बन गया। मॉनसुन की बारिश शुरु होते ही एक के बाद एक पुल, पुलिए और कलवर्ट ताश के पत्तों की तरह ढहते नजर आए। 18 से 20 दिनों के भीतर एक दर्जन से ज्यादा पुल पुलिए गिर गए या धंस गए। इनमें से कई बड़ी बजट वाले भी हैं। पिछले सालों 2023 और 2022 में पुल गिरने की घटनाएं हुईं। लेकिन इस साल तो हद हो गई। पुल गिरने पर राजनीति भी गजब की हुई। यूं कहें कि पुल पुलिया की राजनीति जारी है और विपक्ष के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर बार बार द्वीट किया। एक बार उन्होंने उन्होंने बिहार की डबल इंजन सरकार पर अपनी भड़ास निकाली है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजनीति के मंजे खिलाड़ी तेजस्वी यादव अपने राजनैतिक विरोधयों पर आक्रमण का मौका नही चूकते।
बिहार में पुल ढड़ने की घटनाओं को उन्होंने हाथों हाथ लिया। हालांकि सरकार में शामिल दलों के नेता कहते रहे कि पुल तब बने जब तेजस्वी यादव विभाग के मंत्री थे। लेकिन बिंदुवार ट्वीट करके तेजस्वी यादव बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर पुल ढहने को लेकर हमला बोला। एक बार फिर उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर के जरिए डबल इंजन सरकार पर तंज कसा है। जून और जुलाई में ध्वस्त हुए पुलों के वीडियो के साथ उन्होंने ट्वीट किया है। पुल प्रकरण में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी पर तेजस्वी यादव का यह पहला हमला नहीं है। इसे पहले सात जुलाई को तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार में प्रतिदिन पुल गिर रहे हैं, पेपर लीक हो रहे है, बदहाल विधि व्यवस्था के कारण लोग मारे जा रहे है। बेतहाशा महंगाई, अपराध, भ्रष्टाचार, गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही है। बिहार के लिए कुछ सकारात्मक कार्य नहीं हो रहा है और सरकार में बैठा कोई भी व्यक्ति इस पर विमर्श तक नहीं कर रहा।