सासाराम। गत 30 जून 024 को भूदान की 62 एकड़ 50 डिसमिल भूमि को तिलौथू स्टेट के अवैध दखल कब्जे से मुक्त कराने एवं आंदोलनकारी भूमिहीनों सहित अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के कार्यकर्ताओं पर किए गए जानलेवा हमले तथा तिलौथू पुलिस एवं अंचलाधिकारी के द्वारा आंदोलनकारी के विरुद्ध किए गए झूठे मुकदमें के विरुद्ध सोमवार को अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में भारी संख्या में संघर्षशील मजदूर एवं भूमिहीनों ने भूदान की भूमि पर अवैध कब्जे को हटाकर भूमिहीनों के बीच बांटने और संघर्षशील भूमिहीनों एवं उनके नेता के विरुद्ध किए गए झूठे मुकदमें को वापस लेने की मांग को लेकर समाहर्ता रोहतास के समक्ष विशाल जन प्रदर्शन किया गया। जन प्रदर्शन सासाराम रेलवे मैदान सासाराम से निकल कर पुरानी जी टी रोड़ से गुजरते हुए कचहरी मोड़ से घुमकर समाहरणालय के समक्ष आकर सभा में तब्दील हो गया। जिसकी अध्यक्षता एवं संचालन जिला अध्यक्ष राजेश पासवान ने किया।
इस मौके पर उपस्थित अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के प्रांतीय महासचिव कामरेड शंभू प्रसाद सिंह ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि महान तेलंगाना किसान आंदोलन के बाद भूमिहीनों के बीच वितरित करने हेतु विनोबा भावे द्वारा भूदान यज्ञ समिति का गठन किया गया। जमींदारों से उनकी भूमिका का कुछ अंश स्वैच्छिक दान के रूप में लेने का अभियान चलाया गया था। जिसके अंतर्गत तिलौथू स्टेट के पूर्व जमींदार स्वर्गीय राधा प्रसाद सिन्हा ने वर्ष 1954 में 62 एकड़ 50 डिसमिल भूमि दान की थी। सामंत प्रश्न सरकार और अफसर शाही के लापरवाही के चलते आज तक वह जमीन भूमिहीनों में वितरित नहीं की जा सकी, भूदान की अधिकांश भूमि आज भी स्टेट के वंशजों के कब्जे में है। उनके कुछ अंश पर राधा संता कॉलेज एवं शेष जमीन पर अन्य लोगों का कब्जे है। इस प्रकार सामंत प्रश्त सरकार और अफसर शाही ने भूदान यज्ञ समिति के मकसद पर पानी फेर दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक आर्थिक भ्रष्टाचार का मामला है। इसकी तत्काल जांच पड़ताल करके भूदान की भूमि को भूमिहीनों में बांटी जानी चाहिए।
इस मौके पर सभा के जिला सचिव अयोध्या राम ने कहा कि नीतीश सरकार और उसकी अफसरशाही के द्वारा भूमि सुधार कानून के प्रति अपनाएं जा रहे रवैए के कारण जिले के तमाम अंचलों व गांवों में अशांति एवं तनाव व्याप्त है। उन्होंने ने बताया कि अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा की राष्ट्रीय कमेटी के महासचिव डॉ आशिष मितल, उपाध्यक्ष सुशांत झा आदि नेता तिलौथू सहित अन्य भूमि संघर्षों के गांव का दौरा करने के लिए आगामी 18 जुलाई 2024 को सासाराम आ रहे हैं। सरकार और उसकी अफसरशाही भूमि सुधार कानून को लागू कराने के लिए हो रहे संघर्षों को किसी भी कीमत पर दबा नहीं पाएगी। इस मौके पर सभा को संबोधित करने वाले अन्य वक्ताओं में संगठन के कैमूर जिला सचिव कामरेड फरसानी राम, कैमूर वन अधिकार संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, कामरेड प्रमोद मेहता, आर०एन०प्रसाद, धर्मेंद्र सिंह, सुखाड़ी बनवासी, लोकसंघर्ष मोर्चा के मोहम्मद मुन्ना आदि मुख्य थे। सभी वक्ताओं ने भूदान की भूमि में हुए घपले-घोटाले राजनीतिक एवं आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच पड़ताल कर भूदान की भूमि को भूमिहीनों में बांटने तथा आंदोलनकारी भूमिहीन एवं उसके नेता पर किए गए झूठे मुकदमे को बिना शर्त वापस लेने की मांग किया। संगठन का प्रतिनिधि मंडल जिला अधिकारी से मिलकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।