पटना। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ियां पथ पर दुकानों के सामने ‘नेम प्लेट’ लगाने का मामला बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले का कहीं विरोध हो रहा तो कहीं समर्थन भी। सोमवार से प्रारंभ हुए बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में भी इसका असर दिखा। एक ओर भाजपा के विधायकों के साथ ही जदयू सदस्य जमा खान तक ने योगी सरकार के फैसले का समर्थन किया तो कांग्रेस ने इसके खिलाफ सदन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। सोमवार को विधानसभा में विधायी कार्य प्रारंभ होने के पूर्व भाजपा सदस्य और मंत्री प्रेम कुमार, नीरज कुमार के साथ ही रामसूरत राय ने कांवड़ियां पथ की दुकानों पर ‘नेम प्लेट’ लगाने का समर्थन किया और कहा कि योगी सरकार का यह फैसला सराहनीय है।
कांवड़ियां पथ से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को ज्ञात होना चाहिए कि वे राम के यहां भोजन खा रहे हैं या रहीम के यहां। सुरक्षा के लिहाज से भी यह निर्णय सराहनीय है। महत्वपूर्ण यह है कि एक ओर सरकार में शामिल जदयू योगी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है, लेकिन जदयू नेता जमा खान इसे उचित कदम बता रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने इस फैसले का जोरदार विरोध किया। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खां इस फैसले के विरोध में अपने गले में सब्जियों की माला पहन कर आए। उन्होंने कहा भाजपा की नीतियां देश के लिए खतरनाक हैं। ये लोग अब सब्जियों को भी हिंदू-मुस्लिम का जामा पहनाने में लगे हैं। सब्जियों को रंग के आधार पर हिंदू-मुस्लिम में बांटा जा रहा है। कांग्रेस ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं कर सकती है। यह फैसला जन विरोधी है। उनके साथ ही कांग्रेस सदस्य राजेश कुमार और नीतू सिंह ने भी इस फैसले का विरोध किया है।