आशा कर्मियों द्वारा दवा सेवन कराने की मॉनिटरिंग करने की दी गई जानकारी
सासाराम। सदर अस्पताल स्थित ओपीडी के सभागार में बुधवार को एमडीए अभियान को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्टेट कॉर्डिनेटर एवं जोनल कॉर्डिनेटर ने जिले के सभी डब्ल्यूएचओ के मॉनिटरिंग टीम को अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया। साथ ही माइक्रो प्लान के तहत कार्य करने के लिए विशेष जानकारी दिया गया। इसके पूर्व स्टेट कोऑर्डिनेटर (एनटीडी) डब्ल्यूएचओ के स्टेट कोऑर्डिनेटर राजेश पांडे ने मॉनिटरिंग टीम को जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग आज विश्व स्तर की बीमारी के रूप में जाना जा रहा है। इसके उन्मूलन को लेकर विश्व स्तर पर बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। डॉ पांडे ने बताया कि बिहार के सभी जिला इस बीमारी से प्रभावित है। इसलिए इसे खत्म करने के लिए एमडीए अभियान चलाया जा रहा है जो 10 अगस्त से शुरू होगा। अभियान के दौरान आशा कर्मी घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाएंगे। डॉ राजेश पांडे ने बताया कि बिहार में रोहतास जिला फाइलेरिया का हॉटस्पॉट माना गया है इसलिए यहां पर एमडीए आईडीए अभियान चलाया जा रहा है। इसमें तीन तरह की दवाई खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जो जिला ज्यादा प्रभावित है वहां पर अल्बेंडाजोल, डीआईसी के साथ साथ आइवरमेक्टिन की दवा का भी सेवन कराया जा रहा है।
बेहतर मॉनिटरिंग जरूरी
डब्ल्यूएचओ के जोनल कॉर्डिनेटर विकास सिन्हा ने सभी मॉनिटरिंग टीम को माइक्रोप्लान की विस्तृत जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि दवा सेवन कराने वाली आशाकर्मी दवा खिलाने के बाद सभी जानकारियां इंट्री करेंगी। उक्त इंट्री को कैसे मॉनिटर करना है इसकी जानकारी दिया। साथ ही उन्होंने बताया की मॉनिटरिंग कितना जरूरी है ताकि अभियान को सफल बनाया जा सके। मौके पर बीडीसीओ जय प्रकाश गौतम, मानसी भारती, रौशन कुमार सिंह, गौतम कुमार, संजीत राय के अलावा, पीसीआई इंडिया के डीएमसी आशीष रावत, पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर संचारी रोग हेमंत कुमार मौजूद रहे।