माध्यम भोजन सप्लाय में एक बार फिर लापरवाही आई सामने
करगहर। रोहतास जिले में मध्यान भोजन परोस रही एनजीओ के द्वारा लगातार लापरवाही सामने आ रही है और एनजीओ के द्वारा लगातार बच्चों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ताजा मामला करगहर प्रखंड का है जहां एक बार फिर एनजीओ द्वारा दिए गए मध्यान भोजन में कपड़े की पोटली मिली है। बता दे की करगहर प्रखंड स्थित राजकीय कृत मध्य विद्यालय जलालपुर में बच्चों को शुक्रवार को मध्यान का भोजन दिया जा रहा था इस दौरान सब्जी में कपड़े की पोटली पाया गया। हालांकि इस दौरान कुछ बच्चे भोजन कर चुके थे जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करगहर में भर्ती कराया गया फिलहाल सभी बच्चे खतरे से बाहर बताई जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार जलापुर निवासी बीरबल सिंह की पुत्री नेहा कुमारी(वर्ग 3) के अलावा अंशु कुमारी, अंशिका कुमारी, प्रियंका कुमारी, काजल कुमारी, शिवानी कुमारी, ऋषि कुमार, व अंशु कुमार की तबियत खाने खाने के बाद बिगड़ने लगी। बिगड़ती तबियत को देख स्कूल प्रशासन ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस के लिए कॉल किया। परंतु समय से एंबुलेंस नही पहुंच पाया। इस दौरान खाने में गड़बड़ी की सूचना पर डीपीओ (माध्यम भोजन) पहुंच चुके थे और उन्होके अपने वाहन से सभी बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।
बता दे कि इसके पूर्वी पिछले महीने में कारगर प्रखंड में ही एक उर्दू मध्य विद्यालय में मध्यान के भजन कें सब्जी में ही मरा हुआ बड़ा चूहा पाया गया था, और खास बात यह है कि यह भी भोजन इसी एनजीओ के माध्यम से दिया गया था जिसने पिछले महीने मरे हुए चूहे भोजन में परोस थे। वहीं शिक्षा विभाग के मध्यान भोजन के डीपीओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा की जो भी भोजन में वांछनीय वस्तु (कपड़े की पोटली) पाई गई है उसका सैंपल फूड इंसेक्टर को जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच के बाद जो भी परिणाम आयेगा उसके अनुसार दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताते चले कि एक महीने के भीतर दो बार मध्यान भोजन परोस रही एनजीओ को लापरवाही सामने आई है। पिछले दिनों भोजन में मिले मरे चूहा का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि उसी प्रखंड के दूसरे विद्यालय में उसी एनजीओ की लापरवाही दोबारा देखने को मिली है। वहीं स्थानीय लोग शिक्षा विभाग के कार्यशैली पर भी सवाल उठाने लगे हैं, क्योंकि एनजीओ द्वारा बरती जा रही बार-बार लापरवाही को नजर अंदाज किया जा रहा है।