सासाराम। हम आज के तारीख में बिहार को किस मामले में जानते हैं। बात करने से पहले कहते हैं कि यहां पर जातिवाद के अलावा कुछ नहीं है। ये उस बिहार के बारे में कहते हैं, जहां पर जातिवाद के बंधन को हजारों साल पहले तोड़ चुके थे हम। चाणक्य ने जिसे शासक बनाया उसके जात के बारे में निश्चित नहीं है कि वे क्षत्रिय थे या नहीं। नंद ने जिस मगध का विस्तार किया वह क्षत्रिय नहीं थे। तभी उसके समाज ने उन्हें स्वीकार किया। हम जात के बंधन को बहुत पहले तोड़ चुके थे। जब तोड़ चुके थे, तो पूरे विश्व का इतिहास हमारा इतिहास हुआ करता था। उक्त बातें वीर कुंवर से विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने शहर के एसपी जैन कॉलेज की स्थापना दिवस समारोह में कहीं। उन्होंने अपनी बातों की शुरुआत में कहा कि मुझे गर्व है कि मैं बिहार में हूं। सासाराम बहुत छोटा सा नाम आप लोगों को लगता है। लेकिन, ये वो जगह है, जहां के शासक ने पूरे मध्य एशिया में शासन किया था। उन शेरशाह जी को सलाम। जिसने मुगल सम्राट को भी हराया था। भू-राजस्व के मामले में शेरशाह सूरी को हम अभी भी फॉलो करते हैं। शासन इतना तगड़ा था कि कहा जाता है की गठरी लेकर बुढ़िया जा सकती थी, चोरी नहीं होता था उस जमाने में। ये शेरशाह सूरी का प्रशासन था। गौरवमयी इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि हमें इतिहास से सीख लेने की जरूरत है। बिहार ने हमेशा अगवाई की है। महात्मा गांधी बिहार की देन है। भगवान राम को भी इस धरती पर आना पड़ा था।
कुलपति ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का सत्र सबसे अच्छा चल रहा है। हमारे आने के बाद छात्र आंदोलन भी समाप्त हो गया। शिक्षक संघ भी समाप्त हो गया। विश्वविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी रहेगा। शांति प्रसाद जैन महाविद्यालय में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का विस्तार केंद्र खोलने की घोषणा कुलपति ने मंच से की। महाविद्यालय में पीजी अंतर्गत सभी विषयों की पढ़ाई शुरू कराने का भी आश्वासन दिया। वहीं एसपी जैन कॉलेज के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष सह भाषा वैज्ञानिक प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि शांति प्रसाद जैन के नाम पर महाविद्यालय है। लेक़िन उन्हें हमलोग बहुत कम जानते है। जिन्होंने इतना बड़ा योगदान करके इतना बड़ा कॉलेज बनवाया है। एसपी जैन कॉलेज में शांति प्रसाद जैन की प्रतिमा स्थापित कराने की मांग कुलपति के सामने रखी। कहा कि उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। सासाराम में रामा जैन बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, डेहरी में रामारानी जैन बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व दरिहट में अशोक जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उस परिवार की देन है। अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ. नवीन कुमार सिंह ने की। कार्यक्रम को प्रो. धीरेन्द्र कुमार, प्रो. रौशन कुमार व प्रो. मोइनुल हक ने संबोधित किया।
राष्ट्रगान पेश कर कार्यक्रम का समापन किया गया।