मुजफ्फरपुर में सावन के तीसरे सोमवार पर रात को बाबा गरीबनाथ का गेहूं और फल से भव्य महा शृंगार और महा आरती की गई। इसे देख श्रद्धालु मंत्र मुग्ध और भाव विभोर हो गए। इस दौरान बाबा गरीबनाथ नगरी हर हर महादेव के नारे से गूंज उठी। जानकारी के मुताबिक, सावन महीने के हर सोमवार पर बाबा की विशेष सजावट शृंगार की परंपरा है। सावन के तीसरे सोमवार को मंदिर में प्रधान पुजारी और अन्य पुरोहितों ने 11 कुंतल गेहूं और पांच कुंतल फलों से विशेष पूजन के बाद बाबा गरीबनाथ का महा शृंगार किया, जिसके बाद महाआरती की गई। तीसरे सोमवार को लेकर बाबा के महा शृंगार के लिए विशेष तैयारी की गई थी। इसी दौरान रात 10 बजे बाबा गरीबनाथ जी के विशेष शृंगार के लिए तैयारी की। इस अनोखी सजावट में दो घंटे का समय लगा। उसके बाद बाबा के दर्शन के लिए आए भक्तों ने बाबा के मनोरम रूप का दर्शन किया।
उसके बाद बाबा की महा आरती की गई, जिस देख भक्त भाव विभोर हो गए और चारों तरफ हर हर महादेव के नारे लगाने लगे। बताया जा रहा है कि बाबा गरीबनाथ मंदिर में प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक के नेतृत्व में अन्य पुरोहितों द्वारा इसकी तैयारी की गई थी। उसके बाद विशेष महा शृंगार किया गया। प्रधान पुजारी ने बताया कि बाबा के महा शृंगार की यह परंपरा लम्बे अरसे से चली आ रही है। बाबा का सावन की देर शाम के बाद विशेष सजावट की जाती है। इसी के उपलक्ष्य में बाबा का गेहूं और फल से महा शृंगार किया गया है। उन्होंने बताया इसके पूर्व बाबा का स्नान और विशेष पूजन किया गया और फिर इसके बाद से महा आरती की गई। उसमें की दूध, दही, घी, शहद और अन्य सामग्री से स्नान कराकर फिर अलग-अलग तरीके से पूजन किया गया। यह शृंगार हर सोमवार को किया जा रहा है और अलग-अलग ढंग से होता है। प्रधान पुजारी ने बताया कि यह प्रचलन बाबा गरीबनाथ के मंदिर से होता है।
फिर पूरे बिहार में फैलता है। पहले बाबा बैद्यनाथ से होता था, अब बाबा गरीबनाथ से होता है। यही कारण है कि बाबा के महा शृंगार की परंपरा को कायम रखते हुए आज भी इसका निर्वहन किया जा रहा है। इसमें भक्त बाबा के दर्शन करने के बाद आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।