पटना। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व बुधवार को होटलों की जांच कर रही पटना की कोतवाली पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। कोतवाली पुलिस ने फ्रेजर रोड स्थित मगध होटल से तीन संदिग्ध लोगों को पकड़ा है। उनके पास से सिपाही भर्ती परीक्षा के आठ अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, दो ब्लैंक चेक, कुछ नकद, चेकबुक, मोबाइल, स्टांप पेपर व अन्य चीजें बरामद हुई हैं। पुलिस ने तीनों को थाने लाकर पूछताछ की, जिसमें पता चला कि उन्हें वन दारोगा विजय रजक ने एडमिट कार्ड और नकद के साथ बुलाया था। दारोगा के ठिकानों पर दबिश देने के लिए टीम रवाना हो चुकी है। तीनों आज ही कमरे में आए थे। एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि संदिग्ध लोगों से अभी पूछताछ की जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, अररिया जिले के नरपतगंज निवासी रामाशीष कुमार व प्रेम प्रकाश और नालंदा निवासी चंदन कुमार तीनों मगध होटल के एक कमरे में ठहरे थे। कोतवाली पुलिस वहां सुरक्षा जांच के लिए पहुंची थी
पुलिस ने हर कमरे में ठहरे लोगों के पहचान-पत्र और सामान की जांच कर रही थी। इसी दौरान रामाशीष के काले रंग के बैग से बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा के आठ एडमिट कार्ड मिले, जो अलग-अलग अभ्यर्थियों के थे। वे एक प्लास्टिक की थैली में रखे थे, जिसमें एक हजार रुपये मूल्य का स्टांप पेपर, ब्लैंक चेक, डेबिट कार्ड, कुछ शैक्षणिक प्रमाणपत्र भी रखे थे। साथ ही, एक कॉपी मिली, जिसमें अभ्यर्थियों के रोल नंबर के साथ उनका पूरा विवरण लिखा था। पूछताछ में रामाशीष ने गोलमोल जवाब दिया, जिसके बाद पुलिस उसे और उसके दो अन्य साथियों को थाने लेकर चली गई। प्रारंभिक जांच में रामाशीष ने पूछताछ में दारोगा विजय रजक ने सिपाही बनाने के लिए प्रति अभ्यर्थी सात लाख रुपयों की मांग की थी। उसी ने यहां मिलने के लिए बुलाया था। एडमिट कार्ड पूर्णिया, किशनगंज, अररिया समेत अन्य शहरों के अभ्यर्थियों के थे। दारोगा ने अग्रिम राशि नहीं मांगी थी। उसने अभ्यर्थियों से एडमिट कार्ड, ब्लैंक चेक और स्टांप पेपर मांगा था।
उसने अभ्यर्थियों से कहा था कि लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद वह पूरी राशि लेगा। अभ्यर्थियों को शारीरिक परीक्षा स्वयं देनी होगी। पुलिस ने रामाशीष का मोबाइल जब्त कर लिया है। पकड़े जाने से कुछ देर पहले भी उसने दारोगा से बात की थी। जब्त एडमिट कार्ड सात और 11 अगस्त को हुई परीक्षाओं से संबंधित बताए जा रहे हैं। प्रेम प्रकाश और चंदन की मुलाकात गांधी मैदान में एक राजनीतिक दल की रैली में हुई थी। चंदन नालंदा जिले के हिलसा के रहने वाले हैं। वे कंप्यूटर सेंटर का संचालन करते हैं, जबकि प्रेम प्रकाश किसान हैं। रामाशीष और प्रेम एक ही गांव के रहने वाले हैं। जब प्रेम को जानकारी मिली कि रामाशीष पटना जा रहे हैं, तो वे उनके साथ आ गए। यहां आने की सूचना उन्होंने पहले से चंदन को दे रखी थी, क्योंकि उन्हें कंकड़बाग के डाक्टर से कैंसर की दवा लेनी थी। पकड़े जाने से पहले प्रेम और चंदन डाक्टर के यहां से 27 हजार रुपये की दवा लेकर आए थे। उन्होंने पुलिस को डाक्टर की पर्ची और दवा दिखाई। हालांकि, पुलिस ने अभी उन्हें क्लीनचिट नहीं दी है। उनके नाम और पते का सत्यापन कराया जा रहा है। मोबाइल की भी जांच जारी है।