- दवा ही हाथी पांव और हाइड्रोसील जैसी बीमारी को रोकने में कारगर
सासाराम। बीमारियों को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां देखी जाती है। कुछ मच्छर जनित रोगों को तो लोग अनुवांशिक भी मान लेते हैं इस वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हीं बीमारियों में से एक है फाइलेरिया। इस बीमारी को लेकर अभी भी लोगों में भ्रांतियां है कि यह बीमारी अनुवांशिक है। इसका मुख्य कारण लोगों में जागरूकता का अभाव बताया जाता है। परंतु इस बीमारी को लेकर लोगों में अब जागरूकता देखी जा रही है और लोग अब समझ रहे है कि यह बीमारी मच्छरजनित है। लेकिन हाइड्रोसिल को लेकर लोगों में अभी भी भ्रांतियां देखी जा रही है। जबकि यह बीमारी भी मच्छर जनित फाइलेरिया रोग है। क्युलेक्स नामक मच्छर को काटने से हाथी पांव ही नहीं बल्कि हाइड्रोसील की बीमारी भी होती है। इस बीमारी में पुरुषों का हाइड्रोसील सामान्य से कहीं ज्यादा बड़ा हो जाता है। हालांकि हाइड्रोसील का इलाज करवाया जा सकता है परंतु हाथीपांव का इलाज नहीं। फिर भी लोग हाइड्रोसील बीमारी के कारण को अनदेखा कर रहे हैं।
हाइड्रोसिल का बढ़ना भी फाइलेरिया रोग
सिविल सर्जन डॉ मणिराज रंजन ने बताया कि हाइड्रोसिल को लेकर पहले के लोगों में कई भ्रांतियां देखी या सुनी जाती थी परंतु यह बीमारी मच्छर के काटने से होता है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी में पुरुष का हाइड्रोसील में मौजूद एक परत मोटा होता चला जाता है। हालांकि इस बीमारी को ऑपरेशन से भी ठीक किया जा सकता है परंतु हमें यह ध्यान में रखना होगा कि यह बीमारी फाइलेरिया बीमारी है। इसलिए इस बीमारी से बचाव करने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन ने कहा कि यदि घर में किसी एक व्यक्ति को हाइड्रोसील की बीमारी है तो इसे नजरअंदाज न करें क्यों कि घर में मौजूद अन्य लोगों को भी इससे पीड़ित होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए बढ़े हाइड्रोसिल को फाइलेरिया बीमारी समझे और इसकी रोकथाम के लिए एमडीए अभियान के दौरान दवा का सेवन जरूर करें।
दवा सेवन ही हाथीपांव और हाइड्रोसिल से बचाव
सिविल सर्जन ने बताया कि हाइड्रोसील बढ़ने पर ऑपरेशन के माध्यम से उसे ठीक तो किया जा सकता है लेकिन फाइलेरिया की परजीवी शरीर में मौजूद रहते हैं, इसलिए वह कभी भी नुकसानदायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाथीपांव का लक्षण मुख्यतः 10 से 15 साल के बाद दिखाई देता है। यदि एक बार हाथीपांव हो गया तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान दी जाने वाली दवा का सेवन जरूर करें, क्योंकि यह दवा ही हाथी पांव और हाइड्रोसील जैसी बीमारी से सुरक्षित रखने में कारगर साबित होता है।