पटना। पश्चिम बंगाल के यात्री सोमनाथ नइया को जबरन हाजत में रखकर वसूली करने के आरोप में थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मियों पर रेल एसपी ने शनिवार की रात कार्रवाई की। आरोपितों के खिलाफ जीआरपी में प्राथमिकी दर्ज की गई है। थानेदार पंकज कुमार को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया। उनकी जगह इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिन्हा को पदभार सौंपा गया है। वहीं, दारोगा राकेश कुमार व रामचंद्र राम और एएसआइ संजय कुमार एवं सिपाही कृष्ण कुमार ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है। एसपी एएस ठाकुर ने थानेदार को निलंबित करने के लिए डीआइजी को अनुशंसा की है। इनके अलावा पटना जंक्शन के मेस संचालक रवि को भी नामजद किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के रहने वाले सोमनाथ नइया ने एक अगस्त को हावड़ा की ट्रेन पकड़ने के लिए पटना जंक्शन पर इंतजार कर रहे थे। इस बीच, जीआरपी सिपाही कृष्ण कुमार ठाकुर वहां पहुंचा और उसने यात्री से कहा कि वह संदिग्ध अवस्था में यहां खड़ा है।
इस पर सिपाही और यात्री के बीच थोड़ी बहस हुई। इसके बाद यात्री को वह थाने पर लेकर गया और हाजत में बंद कर दिया। उसने साेमनाथ को जले भेजने की धमकी देकर 50 हजार रुपयों की मांग की। यात्री के पास 20 हजार नकद थे, जिसे उसने सिपाही को सौंप दिए। इसके बाद वह 30 हजार रुपये और लेने पर आमादा रहा। तब सोमनाथ ने पिता को काल कर सिपाही के कहे अनुसार, रवि के खाते में ऑनलाइन 19 हजार रुपये मंगवाए थे। भयादोहन करने के बाद सोमनाथ को पुलिस हिरासत से छोड़ा गया। पश्चिम बंगाल पहुंचने पर सोमनाथ ने चार अगस्त को रेलवे हेल्पलाइन के नंबर 139 पर शिकायत की थी। इसकी जांच वरीय पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) प्रभाकर तिवारी को सौंपी गई थी। जांच में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल में मिले साक्ष्य से अवैध वसूली की पुष्टि हुई, जिसके बाद रेल एसपी के निर्देश पर छह अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी की गई।