खाने में आयरनयुक्त आहार लेने के लिए किया जा रहा जागरूक
सासाराम। एनीमिया मुक्त भारत के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। समय समय पर अभियान चला कर जागरूक किया जा रहा है और बच्चे बच्चियों के साथ साथ गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली दी जा रही है। वही रोहतास जिले में एनीमिया मुक्त कराने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत बुधवार को सासाराम सदर अस्पताल के ओपीडी स्थित सभा भवन में जिले के बीसीएम, एमओआईसी, सीडीपीओ, एलएस, बीईओ, बीपीएम एवं बीआरपी को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान रोहतास जिले में लक्षित बच्चों को ससमय आईएफए सिरप एवं टैबलेट देने के लिए निर्देशित किया गया। साथ ही जिले में दी जाने वाली सिरप एवं टैबलेट डिस्ट्रीब्यूशन में कमी पर भी प्रखंडवार जानकारी ली गई और दवा डिस्ट्रीब्यूशन में तेजी लाने के लिए भी निर्देशित किया गया।
जिले में 10 लाख से अधिक बच्चे लक्षित
अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी अमित कुमार ने वहां मौजूद सभी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ-साथ आईसीडीएस के कर्मियों को जिले की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया। जिन प्रखंड में दवा सेवन कराने में कमी दिखी उसके भी कारणों की जानकारी ली और इसमें तेजी लाने के लिए निर्देश भी दिए। अमित कुमार ने बताया कि रोहतास जिले में 10 लाख से अधिक बच्चे लक्षित किए गए हैं। जिनमें जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 4 लाख 32 हजार 674 है, जबकि 5 से 9 वर्ष तक के बच्चों की संख्या 2 लाख 77 हजार 832 है। वही 10 से 19 वर्ष तक वाले बच्चों की संख्या 3 लाख 36 हजार 886 है। अमित कुमार ने बताया कि एनीमिया को दूर करने के लिए आयरन खुराक के रूप में जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चे को आईएफए का सिरप हफ्ते में दो बार दिया जाना है, जबकि 5 से 9 वर्ष तक के बच्चों एवं बच्चियों को गुलाबी गोली तथा 10 से 19 वर्ष तक के बच्चों को नीली गोली हफ्ते में एक बार सेवन करवाना है।
सभी बच्चों को कराया जा सकता है आयरन उक्त दवा सेवन
जिला प्रशिक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने बताया कि लोगों के शरीर में मौजूद आयरन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक होता है। उन्होंने बताया कि आहार में आयरन की कमी के कारण रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा घट जाती है, जिससे शरीर के विभिन्न अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है जिसे हम लोग एनीमिया के नाम से जानते हैं। एनीमिया शारीरिक और मानसिक क्षमता को प्रभावित करता है। इसलिए इसे दूर करने के लिए बच्चों को शुरू से ही आयरन की खुराक दी जाती है। डॉ आरकेपी साहू ने बताया कि एनीमिया के मुख्य लक्षणों में जल्दी-जल्दी थक जाना व सांस फूलना, पढ़ाई खेल व अन्य कार्यों में मन नहीं लगा, नींद आते रहना, जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना, भूख न लगना यह मुख्य लक्षण होते हैं। बच्चों को आहार में पोषक तत्व लेने की सलाह दी जाती है ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।