पटना: बिहार में गंगा नदी उफान पर हैं। बक्सर, पटना और भागलपुर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोन, पुनपुन, दरधा, गंडक, जिरायन और फल्गु समेत कई नदियों का जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इधर, पटना-बक्सर हाईवे पर के उत्तर कई इलाकों में पानी फैल चुका है। हाईवे से गांव की तरफ जाने वाली सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है। इतना ही नहीं बक्सर-मोहनिया स्टेट हाईवे पर एक फीट पानी चढ़ गया है। यह सड़क बक्सर को बनारस से जोड़ती है। अगर पानी थोड़ा सा भी चढ़ा तो आवागमन बाधित हो सकता है। बक्सर के सिमरी प्रखंड के 12 से अधिक गांव बाढ़ से धिरे हैं। महाजीडेरा का सड़क संपर्क टूट गया है। जल संसासन विभाग के अनुसार पिछले दो-तीन दिन में इंद्रपुरी बराज से सोन नदी में करीब साढ़े 27 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस कारण सोन नदी के किनारे बस इलाकों में रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पटना के नकटा दियारा, दानापुर और मनेर के दियारा इलाके में पानी घुस चुका है। पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 69 सेमी और गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर 127 सेमी ऊपर है। नालंदा में भी जिरायन नदी उफान पर है। पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए पटना के दियारा इलाके के 76 स्कूलों को बंद कर दिया। वहीं बेगूसराय में भी दियारा इलाके के 125 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा वैशाली के बिदुपुर में तीन स्कूल को बंद कर दिया गया है। बेगूसराय में बाढ़ के डर से लोग पलायन करने को मजबूर हैं। पिछले 48 घंटे से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत दियारा के पांच पंचायत दादूपुर, बिशनपुर, चमथा एक, चमथा दो एवं चमथा 3 पूरी तरह गंगा के पानी से प्रभावित हो चुके हैं। लोगों का जीवन जीना मुश्किल हो गया है। वहीं दियारा के पांच पंचायत को जोड़ने वाली सड़क पर तीन से पांच फीट तक पानी रहने के कारण आमलोगों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही बढ़ते जल स्तर के कारण मवेशी के चार के लिए किसानों पर संकट मंडराने लगा है। जिसके कारण किसान मवेशी के साथ पलायन करना शुरू कर दिए हैं। इतना ही नहीं कई विद्यालय परिसर में तीन से पांच फीट पानी रहने के कारण बच्चे और शिक्षक नही पहुंच पा रहे हैं।