सासाराम। सासाराम सदर अस्पताल स्थित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में दया और सेवा की प्रतिमूर्ति कही जाने वाली फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य पर शुक्रवार को अंतराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ सदर अस्पताल सासाराम के उपाधीक्षक डा श्री भगवान सिंह ने रिबन और केक काट के किया। मंच का संचालन जीएनएम तृतीय वर्ष की छात्रा दीपा कुमारी एवम कविता कुमारी ने किया। कार्यक्रम के दौरान जी0एन0एम, प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सरवन शर्मा के द्वारा लेडी विथ द लैंप के नाम से जानी जाने वाली नाइटेंगल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए सभी छात्राओं को उनके बताए गए मार्ग पर चलने का निर्देश दिया गया। उन्होंने सभी नर्सिंग प्रोफेशन से जुड़े लोगों को अपने आप में गौरवान्वित त महसूस करने का संदेश दिया। मौके पर मौजूद अस्पताल उपाधीक्षक डॉ श्री भगवान ने कहा कि अस्पताल में मरीज के स्वास्थ्य में सुधार का पूर्ण कार्य नर्सेज के द्वारा किया जाता है। नर्स अपने अनुभव और मरीज के साथ अच्छा व्यवहार रखते हुए मरीज के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए निरंतर कार्य करते हुए अपने कर्तव्य का निर्वहन करती है। इसलिए नर्सेज की महत्ता स्वास्थ्य सेवाओं में अहम होता है। संस्थान की प्रथम वर्ष की छात्रा वंदना, श्वेता, नेहा, काव्य आदि ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। द्वितीय वर्ष की छात्राओं ने इंटरनेशनल नर्सिंग दिवस के उपलक्ष्य पर न्यूट्रिस्नल कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें चार ग्रुप के माध्यम से अलग अलग बीमारी के लिए डाइट मेन्यू के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम संस्थान के सभी अध्यापक, उदयवीर सिंह, गणेश नारायण एवम माधुरी कुमारी और सुष्मिता रंजन के द्वारा नाइटेंगल के जन्म दिवस पर अपना मंतव्य प्रस्तुत किया गया ।
सदर अस्पताल के विभिन्न विभागों में मनाया गया नर्सेज डे
विश्व नर्स दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल सासाराम के विभिन्न वार्डों में भी नर्सों ने केक काटकर और अपने अपने विभागों को रंगोली से सजाकर अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया । अस्पताल के ट्रामा सेंटर एवं प्रसव वार्ड में भी नर्स दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में नर्स अस्पतालों की रीड की हड्डी होती हैं । निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल नर्स का योगदान डॉक्टरों से भी कहीं ज्यादा बढ़कर होता है, क्योंकि डॉक्टर सिर्फ मरीज को देख उसकी बीमारी का पता लगाकर दवा देकर इलाज कर सकते हैं, लेकिन उसके बाद की जो मरीज की बेहतर देखभाल की जिम्मेदारी होती है वह नर्सों के कंधों पर होती है। नर्स बखूबी अपनी जिम्मेदारी को निभाती हैं। एसीएमओ ने कहा अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी और लगन के साथ निर्वाह करने के लिए उचित जगह या स्थान मायने नहीं रखता है, मायने रखता है तो कर्तव्य के प्रति ईमानदार होना। सुदूरवर्ती स्वास्थ्य केंद्र हो या ग्रामीण क्षेत्रों का स्वास्थ्य केंद्र, वहां भी नर्स बेहतर करते हुए अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही और सरकार द्वारा सम्मानित हो रही हैं। सीएमओ ने कहा कि सुबह हो या रात नर्स अस्पतालों में प्रहरी के रूप में खड़ा रह कर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में अपनी अहम योगदान निभा रही है। इसलिए स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों के योगदान को कम नहीं आंका जा सकता है।
मरीजों के साथ सहानुभूति की शपथ
अंतराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान विभागों में कार्यरत नर्सों एवं नर्सिंग महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं ने शपथ लिया की मरीजों के प्रति सहानुभूति रखेंगी। साथ ही साथ ही अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ बेहतर करने का प्रयास करेंगी।