- मिड डे मिल खाने के बाद उल्टी दस्त की शिकायत पर सभी बच्चो को सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती
छपरा। स्कूल में पढ़ने के साथ साथ बच्चो को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से संचालित मिड डे मील योजना में निचले स्तर के अधिकारियों की लापरवाही से यह योजना बच्चो के लिए जानलेवा साबित हो रही है। खासकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा वृहत पैमाने पर गड़बड़िया सुनने या देखने को मिल जाती है। जिसका उदाहरण एक बार फिर सारण में देखने को मिला है। जहां मिड डे मील में एक छोटी सी लापरवाही के कारण जिले के लगभग 40 से ज्यादा बच्चों की तबियत बिगड़ गई है। मिड डे मील का खाना खाने के बाद बच्चों में अचानक दस्त होने की शिकायत शुरू हो गई। जिसके बाद बच्चों को स्थानीय अस्पताल के चिकित्सको द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद सभी बच्चों को छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। क्योंकि सभी बच्चों की स्थिति काफी नाजुक बताई गई थी। जहां सदर अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा नौनिहालों का इलाज किया जा रहा है।
घटना सदर प्रखंड स्थित डुमरी टिकुलिया टोला में स्थापित उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय की है। जहां मिड डे मील आपूर्ति करने वाली एनजीओ के द्वारा भेजा गया मिड डे मील खाने के बाद बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। बच्चों की हालत बिगड़ते देख स्कूल के शिक्षकों ने खाने की जांच की तो उसमें एक छिपकली मरी पड़ी पाई गई। जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया और लोग बच्चों को लेकर आनन फानन में स्थानीय चिकित्सक के पास पहुंचे। जहां प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल लेकर पहुंचे हैं। घटना के बाद स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुमन कुमारी ने बताया कि स्कूल में बच्चों की स्थिति बिगड़ते ही खाने की जांच की गई तो उसमें मरी हुई छिपकली पाई गई। जिसके बाद उसे रख दिया गया है। वही सदर एसडीएम संजय राय ने कहा कि इस मामले की जांच करने का आदेश दे दिया गया है और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल विषाक्त मिड डे मील खाने से बीमार पड़े छात्र खतरे से बाहर बताये जा रहे हैं। लेकिन उन्हें चिकित्सकीय देख रेख में रखा गया है।