- कार्यशाला में जिले की सभी सीडीपीओ व पर्यवेक्षिकाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना 2.0 की दी गई जानकारी
सासाराम। गरीब एवं आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती महिलाओं को आर्थिक लाभ के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं की होने वाली मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से सरकार की बेहद ही महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना 2.0 में बदलाव की जानकारी को लेकर आईसीडीएस रोहतास के द्वारा जिलास्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण सह कार्यशाला के पहले दिन जिले की सभी सीडीपीओ को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। वहीं दूसरे दिन बुधवार को जिले की सभी 47 महिला पर्यवेक्षिकाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सभी पर्यवेक्षिकाओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में मौजूद राजपुर सीडीपीओ एव करगहर सीडीपीओ के अलावा डीपीए कविता कुमारी ने प्रशिक्षण प्रदान कराते हुए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना 2.0 में हुए बदलाव की जानकारी दी गई। साथ ही इससे जुड़ने वाली लाभार्थियों का अधिक से अधिक लाभ पहुँचाते हुए उनका रजिस्ट्रेशन कराने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
योजना 2.0 में क्या हुआ है बदलाव
सरकारी अस्पतालों में गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक महिलाओं को योजना के तहत 5000 राशि उपलब्ध कराई जाती थी जो तीन किस्तों में देय होता था, परंतु योजना 2.0 में बदलाव करते हुए मिशन शक्ति अंतर्गत पहली बार मां बनने पर गर्भवती महिलाओं को सशर्त दो किस्तों में 5000 राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। प्रथम किस्त गर्भावस्था पंजीकरण के बाद 3000 रुपये प्रदान किए जाएंगे, जबकि अंतिम किस्त 2000 रुपये बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीटीपी और हेपेटाइटिस बी सहित पहले टीका का चक्र शुरू होता है तब प्रदान की जाएगी। वही दूसरी बार माँ बनने पर शिशु के रूप में कन्या होने पर धातृ महिला को एक मुश्त 6000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इसके लिए लाभार्थी को गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण करना आवश्यक है। इसके लिए आंगनबाडी सेविका ऐसी महिलाओं की जानकारी इकठ्ठा कर इसकी सूची तैयार करेंगी।
अगले चरण में सेविकाओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
इसकी जानकारी देते हुए डीपीओ आइसीडीएस, रोहतास रश्मि रंजन ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में हुए बदलाव को लेकर विभागीय दिशा निर्देश के अनुसार दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के पहले दिन सभी सीडीपीओ को प्रशिक्षण प्रदान किया गया और दूसरे दिन सभी पर्यवेक्षिकाओं को प्रशिक्षण प्रदान की गई। डीपीओ ने बताया कि अगला प्रशिक्षण जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका को प्रदान किया जाएगा क्योंकि गर्भवती महिलाओं को सूची तैयार करने की जिम्मेवारी सेविकाओं को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि सेविकाओं द्वारा तैयार की सूची को संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र की पर्यवेक्षिका द्वारा सत्यापित किया जाएगा। उसके बाद बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा उसे अनुमोदित किया जाएगा।