काराकाट। रोहतास जिला अंतर्गत काराकाट थाना क्षेत्र के मझरिया गांव की एक दुष्कर्म पीड़िता महिला तीन दिन से थाने का चक्कर लगा रही है चौथे दिन भी थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज नहीं किया। जिससे कारण पीड़िता को बेरंग वापस लौटना पडा। पीड़िता थानाध्यक्ष के सामने अपने साथ दुष्कर्म होने की बात को लेकर गीड़गिड़ाती रही लेकिन थानाध्यक्ष के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है। पीड़ित महिला द्वारा थाना में लिखित आवेदन देने के बावजूद भी मेडिकल जांच नहीं कराना पुलिस की कार्यशैली पर उंगली उठा रहा है। पीड़िता के अनुसार थानाध्यक्ष मामले को छेड़खानी का मामला बता रफा-दफा करने में जुटे हैं। जानकारी के अनुसार मझरिया गांव की एक महिला के साथ विगत 3 जून की रात में शौच जाने के क्रम में गांव के ही तीन नामजद आरोपियों द्वारा दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। घटना के दिन ही पीड़ित महिला स्थानीय थाना पहुंच आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु लिखित आवेदन थानाध्यक्ष को दिया। तीन दिन से थाना का चक्कर लगा रही पीड़ित महिला का समाचार लिखे जाने तक मेडिकल जांच नहीं कराया जा सका है जो पुलिसिया कारवायी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
पीड़ित महिला के अनुसार सुबह शौच करने जा रही थी तभी गांव के ही तीन लोग जबरन पकड़ कर पुआल के गला के ओट में ले गये जहां तीनों ने बारी बारी से दुष्कर्म किया। महिला द्वारा इस प्रकार लिखित एवं मौखिक बताये जाने के उपरांत भी तीन दिन से महिला को थाने में बुला इधर-उधर की बातों में बहलाना और फिर वापस भेज देना नियति बन गयी है। थानाध्यक्ष से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया की मामला रेप का नहीं बल्कि छेड़खानी से संबंधित है। प्रश्न यह उठता है कि अगर मामला छेड़खानी से भी संबंधित है तो तीन दिनों तक थानाध्यक्ष ने छेड़खानी का ही एफआईआर क्यों नहीं दर्ज किया. महिला के बार-बार आग्रह के बावजूद भी तीन दिनों तक मेडिकल जांच क्यों नहीं कराया गया। पीड़ित महिला ने बताया कि चौथे दिन भी कोई कारवायी नहीं हुई ।