- 19 से 24 जून तक चलेगा यह अभियान
सासाराम। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर चलाए जा रहे हैं कार्यक्रम के तहत सोमवार की रात्रि से नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत की गई। जिले के दावथ, रोहतास, दिनारा, संझौली, तिलौथू सहित कई प्रखंडों में नाईट ब्लड सर्वे की शुरुआत की गई। इस दौरान फलेरिया की पहचान को लेकर लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया| इस बार जिले के कुल 19 प्रखंडों के 42 गांव में नाइट ब्लड सर्व अभियान चलाया जा रहा है। सर्वे को लेकर पहले ही गांव का चयन कर लिया गया था। प्रत्येक प्रखंड से 2 गांव का चयन किया गया है। पहले गांव में वैसे गांव का चयन किया गया है जहां फाइलेरिया के मरीज सबसे अधिक पाए गए हैं। उसके बाद दूसरे गांव का चयन रेन्डमली किया गया है। इस तरह से प्रत्येक प्रखंड से 2 गांव का चयन करके फलेरिया जांच के लिए रात्रि रक्तपट संग्रह किया जा रहा है। यह अभियान जिले में 19 जून से लेकर 24 जून तक चलेगा। अभियान को सफल बनाने के लिए पहले ही अभियान से जुड़े सभी स्वास्थ्य कर्मियों एवं आशा कर्मियों को जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इसके अलावा फाइलेरिया जांच के लिए लोग आगे आये इसके लिए भी जागरूकता अभियान लगातार चलाया जा रहा है।
12600 लोगों का किया जाएगा जांच
फाइलेरिया की पहचान के लिए जिले में कुल 12600 स्लाइड सैंपल एकत्रित किया जाएगा। विभागीय दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्येक गांव से 300 लोगों का सैंपल जांच करना है। इस तरह से रोहतास जिले में 42 गांव से 12600 ब्लड सैंपल एकत्रित किए जाएंगे। पिछले वर्ष जिले के 7 प्रखंडों के आठ गाँव मे लाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया गया था। इस दौरान प्रत्येक गांव से 500- 500 ब्लड सैंपल एकत्रित करने थे। 8 गांव से कुल 4046 लोगों का ब्लड सैंपल लिया गया था उसमें 1000 के आसपास लोगों में फाइलेरिया के परजीवी पाए गए थे। इस बार प्रत्येक प्रखंड के 2 गांव में चले इस अभियान से अनुमान लगाया जा रहा है कि जिले में फाइलेरिया पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी इजाफा देखा जा सकता है।
फाइलेरिया के पहचान के लिए नाईट ब्लड सर्वे जरूरी
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि फाइलेरिया यानि हाथीपांव के परजीवी की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। स्लाइड में लिए ब्लड को माइक्रोस्कोप में देखने के बाद ही फाइलेरिया के परजीवी धागे के समान दिखाई देते हैं और यह परजीवी मुख्यतः रातों में ही सक्रिय होते हैं। इसलिए फाइलेरिया की जांच रात्रि 8:00 बजे से लेकर रात्रि 12:00 बजे तक किया जाता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग का लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देता है बल्कि 10 या 12 साल के बाद इसका असर दिखाई देता है। ऐसे में नाइट ब्लड सर्वे के दौरान ब्लड की जांच करवा कर फाइलेरिया की पहचान की जा सकती है। इसलिए उन्होंने लोगों से अपील किया नाईट ब्लड सर्वे के दौरान अपने नजदीकी केंद्रों पर पहुंचकर फाइलेरिया की जांच जरूर करवाएं।