- गोद भराई कार्यक्रम के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को पोषक तत्व के बारे में दी जाती है विस्तृत जानकारी
सासाराम। मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में मातृ मृत्यु दर के साथ साथ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं के साथ साथ परिजनों को जागृत किया जा रहा है। एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) भी मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने में अहम योगदान निभा रहा है। आइसीडीएस का उद्देश्य कुपोषण, स्वास्थ्य और युवा बच्चों, गर्भवती और नर्सिंग माताओं की विकास आवश्यकताओं को संबोधित करना है। इसी के तहत जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के लिए गोदभराई एवं धात्री महिलाओं के लिए अन्नप्राशन जैसे कार्यों को संचालित कर लोगों को जागृत किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक माह के 7 तारीख को जिले के सभी 3388 आंगनबाड़ी केंद्रों पर सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं का गोदभराई की जाती है। साथ ही साथ महीने के प्रत्येक 19 तारिक को अन्नप्राशन दिवस मन कर बच्चे को अनाज खिलाने की शुरुआत की जाती है। गोदभराई एवं अन्नप्राशन दिवस मनाने को लेकर विभाग का मुख्य उद्देश्य यह है कि महिलाओं में पोषण को लेकर अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाया जा सके। ताकि गर्भावस्था के दौरान महिलाएं अपने एवं अपने गर्भस्त बच्चे का ध्यान रख सकें।
गोदभराई के दौरान दी जाती है जानकारियां
सासाराम प्रखण्ड की तेतरी गांव की आगनबाड़ी सेविका पूजा देवी ने बताया कि गोदभराई के दिन आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं पूर्ण रूप से श्रृंगार कर के बैठाया जाता है। उपहारों, फलों एवं मिठाइयों से गर्भवती महिला का गोद भरा जाता है। साथ ही साथ कई प्रकार के व्यंजन भी परोसें जाते है। उन्होंने बताया कि इस दौरान गर्भवती महिला एवं उनके परिजन के साथ साथ वहां मौजूद अन्य महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर पोषण की जरूरत के बारे में जानकारी दी जाती है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने के लिए गर्भवती के साथ-साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देने के लिए जागृत किया जाता है।
जिले में 2815 गतिविधियों का किया गया आयोजन
जिला आइसीडीएस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले महीने 3388 आगनबाड़ी केंद्रों पर कुल 2815 गोदभराई एवं अन्नप्राशन कार्यक्रम आयोजत किया गया जिसमे दिनारा प्रखण्ड मे 273, सासाराम प्रखण्ड में 261, करगहर में 246, नोखा प्रखण्ड में 188, काराकाट प्रखण्ड में 164, कोचस प्रखण्ड में 158,बिक्रमगंज में 150,अकोढ़ीगोला में 145, डिहरी ग्रामीण में 143, शिवसागर प्रखण्ड में 128, दावथ प्रखंड में 117, नौहट्टा प्रखण्ड में 110, तिलौथू प्रखण्ड में 109, चेनारी प्रखण्ड में 99, राजपुर प्रखण्ड में 87, संझौली प्रखण्ड में 79, रोहतास प्रखण्ड में 76, सूर्यपुरा प्रखण्ड में 70, एवं डिहरी सदर में 60 गोदभराई एवं अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पोषक तत्वों के बारे में दी जाती है विस्तृत जानकारी
रोहतास आईसीडीएस डीपीओ रश्मि रंजन ने बताया कि मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य की सही देखभाल और आहार में उचित मात्रा में पोषक तत्वों की अति आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्व की कमी से बच्चों में विकलांगता के साथ-साथ गर्भवती महिलाएं एनीमिया की शिकार हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उचित पोषक तत्व प्रदान किया जाए। इसके लिए आईसीडीएस विभाग गोद भराई कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को जागृत किया जा रहा है और उन्हें गर्भावस्था के दौरान खान पान के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। डीपीओ ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान किन किन पोषक तत्वों को खाने में इस्तेमाल किया जाए इसके लिए उन्हें विस्तृत जानकारी दी जाती है।