काराकाट। सीएचसी काराकाट में कार्यकर्ताओं ने 9 सूत्री मांगों को लेकर के ताला बंद किया गया . बताया कि यह आंदोलन अनिश्चितकालीन है जब तक हम लोगों के मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा .आज तक हम लोगों को अंधेरे में रखा गया .बिहार के धोखेबाज नीतीश सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को न मास्टर रोल पर साइन होता है न नियुक्ति पत्र दिया गया . न्यूनतम मजदूरी से भी कम दे करके आशा को 24 घंटा कार्य पर रखा जाता है .जब भी सरकारी हॉस्पिटल का जरूरत होता है दिन हो या रात सूचना करके हॉस्पिटल बुलाया जाता है तो हमलोगों को पहुंचना पड़ता है.उसके एवज में मात्र 100 रु से 200 कभी कभार देकर बहलाया जाता है . बोला था कि घबराओ नहीं आने वाले समय में तुम लोगों का वेतन बहुत बड़ा होने वाला है लेकिन आखिर कब तक से हम नारियों पर अन्याय होता रहेगा. यह अन्याय बंद होना चाहिये . हम लोगों को प्रति माह 10 हजार रुपये वेतन दिया जाये . तथा साल में हम लोगों को लीव ,प्रॉफिट ,बोनस , ई एस आई दिया जाये . नियुक्ति पत्र दी जाये . उम्र पूरे हो जाने के बाद हम लोगों को मासिक पेंशन दिया जाये. आशा दीदी ने बताया कि डॉक्टर के तरफ से बोला गया कि 15 दिन ओआरएस गांव गांव में घूम -घूम कर के बंटाना पर 100 रु हर पंद्रह दिन पर दिया जाएगा लेकिन वो भी नहीं मिलता . अध्यक्षता विद्यावती देवी ने किया उनके साथ में गीता देवी सुनीता देवी, संध्या कुमारी ,संजू कुमारी, रीना गुप्ता, कलावती देवी, प्रभा देवी, इंदु देवी, निर्मला देवी, प्रमिला देवी थी .
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