शिवसागर। प्रखंड क्षेत्र के जगजीवन राम कैनाल बेदा- पखनरी माइनर घोरघट गांव के समीप टूटने से इलाके के सैकड़ों एकड़ खेत जलमग्न होने का खतरा बना हुआ है। खेतों में पानी अधिक लग जाने के कारण खेत की जोताई व धान का रोपनी रुक गई है। जिससे स्थानीय किसान काफी आक्रोश में दिख रहे है। किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग से हर वर्ष नहर व माइनर की सफाई कराता है, लेकिन यह काम खानापूर्ति तक सिमट कर रह गया है। माइनर में जलकुंभी, घास और जमा सिल्ट की सफाई नहीं हुई। जिसके के कारण नाहर में पानी आने पर ओवरफ्लो हो गया और दबाव अधिक पड़ने पर घोरघट गांव के पास तटबंध टूट गया है।क्षेत्र के किसानों ने कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों के पास इसकी सफाई व मरम्मत कराने का गुहार लगाई लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बेदा – पखनारी माइनर की काफी समय से सफाई नहीं हुई है। इससे माइनर में जगह जगह पर शिल्ट और जलकुंभी लग गया है।
वही बम्हौर, शिवसागर और पखनारी के किसान तटबंध टूटने के कारण खेतो के लिए पानी को तरस रहे है। बम्हौर और पखनारी के किसानों ने कहा की उनके यहां समय पर पानी नहीं आने से सैकड़ों बीघा खेत रोपनी के लिए सूखे पड़े है। वही इस माइनर के तटबंध के टूटने को लेकर विभाग ने कहा की माइनर मरम्मती का काम तत्काल किसानों को खरीफ के समय को लेकर किया जाना था।काम भी लगा हुआ था।लेकिन बार बार कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा गली गलौज और मार पीट का भय बना कर काम मे बाधा उत्पन्न किया गया।जिसको लेकर स्थानीय थाना को सूचना दी गई है।वही किसानों को लेकर विभाग गंभीर है।अभी फिलहाल टूटे हुए तटबंध के मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है।जिसको लेकर नहर का पानी कम किया गया है। जेई अरविंद कुमार ने कहा की खुद से इस तटबंध की मरम्मती में लगा हूं।उन्होंने कहा की अभी किसानों को खेती का नुकसान नहीं हो इसके लिए किसी तरह तटबंध को बनाया जाएगा।माइनर की पूरी मरम्मत बरसात के तुरंत खत्म होने पर शुरू कर दिया जाएगा। हालाकि तटबंध का मरमत का कार्य जारी है।