प्राथमिक विद्यालय नोनियाडिह के कुल पांच कक्षाओं में एक सौ इकतीस छात्रों को मात्र दो शिक्षक पढा रहें है. उसमें भी एक शिक्षक प्रधानाध्यापक हैं, जो प्रतिदिन विद्यालय के ऑफिशियल काम से निकले रहते हैं. ऐसे में शेष एक शिक्षक इतने सारे बच्चों को पढ़ायेगा या चुप करायेगा. लोगों के समझ से बाहर बना हुआ है. स्कूल के कमरों का फर्स पूरी तरह टूट चुका है.एक भी कक्षा में बेंच डेस्क उपलब्ध नहीं है. पढ़ाई इतनी अच्छी है कि 5 क्लास के बच्चे अंग्रेजी के किताब तक नहीं पढ़ पाते हैं.भूमि दाता बताते हैं कि स्कूल के लिए एक एकड़ जमीन मुहैया कराई गई है.बावजूद भी अभी तक परिसर की चारदीवारी नहीं हो पाई है. छात्र छात्राओं के पढ़ाई के लिए स्कूल में तीन कमरा उपलब्ध हैं.बच्चों के मिड डे मील के लिए तीन रसोईया बहाल है.मध्यान भोजन बनाने हेतु सरकार द्वारा गैस सिलेंडर की सुविधा मुहैया कराई गई है.बावजूद भी रसोइयों को लकड़ी के चूल्हा पर खाना बनाना पड़ता है. प्रधानाध्यापक समेत विभाग के पदाधिकारी तर्क देते हैं कि मध्यान भोजन खिलाने हेतु सरकार से बहुत कम राशि मिलता है.जिससे गैस सिलेंडर पर खाना पकाना काफी मंहगा साबित होता है.
कहते हैं प्रधानाध्यापक: मनोज कुमार ने बताया कि विद्यालय में शिक्षक की कमी है.कुल नमांकित 131 छात्रों के लिए मात्र दो शिक्षक नियुक्त हैं.अभी तक विद्यालय का चहारदीवारी नहीं हो पाया है.जिस कारण विद्यालय परिसर सार्वजनिक रास्ता बना हुआ है.कुछ बर्तन भी टूट-फूट कर कम हो गए हैं.
कहते हैं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी—– मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सच्चिदानंद शाह ने बताया कि विद्यालय में जल्द हीं कुछ और शिक्षक स्थानान्तरित कर भेजे जायेंगे.चारदीवारी के लिए जिला कार्यालय को लिखित तौर पर जानकारी उपलब्ध कराई गई है. खबर का फोटो भी है