- आशा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है असर
राजपुर। हड़ताल के सातवें दिन धरने पर डटी स्वास्थ्य विभाग की आशाओं ने मंगलवार को फैसीलेटर सविता कुमारी के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला.तरह तरह के नारों के हुंकार से अपनी मांग की आवाज को बुलंद करते हुए क्षेत्र का भ्रमण किया. धरना प्रदर्शन पर डटी आशाओं ने कहा कि वे साहसिक हैं,निडर हैं, काम करने की क्षमता रखती हैं, काफी लंबे समय से सरकार व समाज के लिये काम करती आ रही हैं.अपने जीवन का काफी समय सरकार व समाज के कार्यों को दे रही हैं.महंगाई चरम पर है.हमें परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि हम लड़ने की जज्बा रखते हैं.सरकार को हमारी मांग माननी हीं पड़ेगी.जब तक उनकी मांगों को सरकार नहीं मान लेती,अपने हक की मांग के लिए हम लड़ते रहेंगे. हमारा मोटो स्पष्ट है.एक हजार में दम नहीं दस हजार से कम नही।
बंद पड़ा है हफ्ते भर से अस्पताल का ओपीडी
वही पिछले एक हफ्ते से आशा कार्यकर्ताओं के अनिश्चितकालीन हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा पर भी काफी असर पड़ा है। खासकर परिवार नियोजन पखवाड़ा पर इसका काफी असर देखा जा रहा है, क्योंकि पखवाड़ा को लेकर लोगों को मोबिलाइज करने का कार्य आशा कर्मी ही करती है, परंतु पिछले 1 हफ्ते से मोबिलाइजेशन कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग का ओपीडी बन्द पड़ा हुआ है।
कहते हैं समाजसेवी
आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल के कारण बंद पड़ा अस्पताल के ओपीडी को लेकर क्षेत्र के समाजसेवी डॉ रमाकांत दुबे,राजेश कुशवाहा,अंजनी स्वामी समेत अन्य ने कहां की इस बरसात में गरीब आदमी एक-एक पैसे के लिए मोहताज हैं.हड़ताल के कारण लोगों को अपने परिवार के बीमारियों का इलाज हेतु कर्ज में पैसा उधार ले बाजार के झोलाछाप चिकित्सकों के यहां दवा कराना पड़ रहा है.उन्होंने कहा कि महिलाओं की नियमित जांच,बंध्याकरण ऑपरेशन,नॉर्मल डिलीवरी,सामान्य चिकित्सा सब कुछ ठप पड़ा हुआ है.आम जनता में त्राहिमाम मची हुई है.।
कहते हैं अस्पताल के पदाधिकारी
मामले को ले पीएचसी के बीसीएम मुकेश कुमार ने बताया कि डॉ समेत सभी कर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं.वैक्सीनेशन का कार्य सुचारू तरीके से चल रहा है.ओपीडी,नार्मल डिलीवरी,बंध्याकरण ऑपरेशन आदि प्रभावित है. खबर का फोटो भी है