- प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रवैये से मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहीं महिला स्वास्थ्यकर्मी
- अकोढ़ीगोला से संझौली प्रतिनियुक्ति के 14 दिन बाद भी नही सौपा प्रभार
अकोढ़ीगोला। रोहतास जिला अंतर्गत अकोढ़ीगोला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मेजर पिंकू कुमार एवं स्वास्थ्य कर्मियों के बीच पिछले कई दिनों से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन नए मामले सामने आ रहे हैं। बता दे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मेजर पिंकू कुमार एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के बीच सामंजस्य नहीं बनने के कारण पिछले दिनों कई विवाद उत्पन्न हो गए थे जिसमें डॉक्टर मेजर पिंक कुमार द्वारा शराब का सेवन करने एवं महिला स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार के साथ-साथ लड़की डिमांड की बात सामने आई थी और इस मामले में डिहरी विधायक ने भी संज्ञान लिया था। उक्त विवाद के बाद रोहतास सिविल सर्जन डॉ केएन तिवारी ने मामले को शांत करने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मेजर पिंकू कुमार को संझौली पीएचसी में स्थानांतरण कर दिया। इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मेजर पिंकू द्वारा लगातार महिला स्वास्थ्य कर्मियों को मानसिक प्रताड़ना जारी रहा।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के दुर्व्यवहार से महिला स्वास्थ्यकर्मी की तबियत बिगड़ी
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की सुबह में डॉ मेजर पिंकू कुमार ने अकोढ़ीगोला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मियों की एक आवश्यक बैठक बुलाई थी और उस बैठक में वहां की बीसीएम प्रीति कुमारी भी शामिल होने के लिए गई तो मेजर पिंकू कुमार द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें बाहर निकाल दिया गया और वहां मौजुद लोगों के बीच में ही उन्हें भला बुरा कहने लगे। इसको लेकर बीसीएम काफी हताश हुई और इसके कुछ देर बाद ही प्रीति कुमारी की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई। आनन-फानन में उन्हें सासाराम सदर अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। प्रीति कुमारी ने बताया कि डॉ मेजर पिंकू द्वारा लगातार मानसिक प्रताड़ना दिया जाता है। उन्होंने बताया कि जो डॉ मेजर पिंकू कुमार की बात नहीं मानते हैं उन्हें किसी न किसी प्रकार से मानसिक प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर मेजर पिंकू कुमार हमेशा आवश्यक बैठक बुलाकर अपने कार्यों से संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों से अपने पक्ष में जबरदस्ती साइन करवाते हैं और जो साइन नहीं करता है उसके खिलाफ शिकायत करते रहते हैं और हमेशा किसी न किसी बात पर शो कॉज भी करते रहते हैं।
14 दिन बाद भी नही सौपा प्रभार
बता दें कि पिछले दिनों प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर मेजर पिंकू कुमार एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के बीच उपजे विवाद को लेकर रोहतास सिविल सर्जन डॉक्टर के एन तिवारी ने 12 जुलाई को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मेजर पिंकू कुमार को संझौली पीएचसी स्थानांतरण करते हुए डॉ साइस्ता परवीन को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नियुक्त किया था और डॉ मेजर पिंकू कुमार को 2 दिनों के अंदर अपना प्रभार सौंपने का भी निर्देश दिया था। बावजूद इसके डॉक्टर मेजर पिंकू कुमार ने अपना प्रभार नहीं सौपा। 14 दिन बीत जाने के बाद भी उनके द्वारा प्रभार नहीं सौपना यह दर्शाता है कि उन्हें अधिकारियों के निर्देश का कोई फर्क नहीं पड़ता है। वही जिला स्वास्थ समिति भी इस मामले में लापरवाह बनी रही और स्थानांतरण के बाद 14 दिन बीत जाने के बाद भी डॉ मेजर पिंकू कुमार द्वारा प्रभार नही सौपे जाने पर डॉक्टर मेजर पिंकू कुमार से कोई स्पष्टीकरण नहीं किया गया। वही इस मामले में एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि जब वहां के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया है तो फिर बैठक क्यों कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज की घटना की मुझे कोई जानकारी नहीं है अगर इस तरह की बात हुई है तो यह जांच का विषय है और जांच किया जाएगा।