सासाराम। शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान एबीआर फाउंडेशन से 12वीं पास रश्मि का चयन इसरो ने वैज्ञानिक के पद पर किया है। वह सासाराम शहर के गजराढ़ निवासी राधेश्याम सिंह व यशोदा पांडेय की लाडली है। दंपती शिक्षक हैं। हालांकि वह कोचस प्रखंड के तेतरिया गांव के मूल निवासी हैं। इनका कहना है कि एबीआर में जब रश्मि का नामांकन कराया तो वहां शिक्षा का बेहतर माहौल मिला और रश्मि बच्चन से ही मेधावी छात्रा थी। उसके मन में इंजीनियर व वैज्ञानिक बनने का ख्याल आया। फिर क्या था उसने तैयारी शुरू कर दी। अभिभावकों को उसने मॉनिटरिंग करने का कभी मौका नहीं दिया। क्योंकि उसमें खुद कुछ बेहतर करने और बड़े ओहदे पर पहुंचने की तमन्ना थी।
उसने अपने सपनों को पंख लगाने की दिशा में खुद एक्सरसाइज किया। वर्ष 2018 में एबीआर फाउंडेशन स्कूल सासाराम से इंटर की शिक्षा प्राप्त की। इस दौरान वह आईटीआई की तैयारी शुरू कर दी। इसने वर्ष 2019 में आईआईटी भी कंप्लीट कर ली। फिर उसने रश्मि इसरो द्वारा संचालित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी त्रिवेंद्रम में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया। वर्ष 2023 में बी-टेक की परीक्षा पास की, तो रश्मि सिंह का चयन वैज्ञानिक के पद पर हो गया। उसे विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर त्रिवेंद्रम में वैज्ञानिक का पद मिला है। उसके वैज्ञानिक बनने से रश्मि के परिजनों, नाते-रिश्तेदारों के अलावा गांव-ज्वार व मुहल्लों के लोगों में खुशी है। उसने रोहतास जिले का नाम रौशन किया है।