करगहर। सच्चिदानन्द महाविद्यालय शहमल खैरा देव के छात्रों ने सोमवार को तालाबंदी कर सासाराम चौसा पथ को दो घंटा सड़क जाम कर दिया। सड़क जाम से राहगीरों को काफ़ी परेशानियो का सामना करना पड़ा मौके पर पहुंची कोचस थाना ने जाम हटवाने का प्रयास किया लेकिन छात्र नही माने मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष आमोद कुमार प्राचार्य गौरीशंकर राम ने छात्र एनएसयूआइ राष्ट्रीय सयोजक प्रशांत ओझा के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के बाद सड़क जाम व ताला खुलवाया गया। धरना का नेतृत्व नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के प्रखण्ड अध्यक्ष अनुराग तिवारी के तत्वाधान में विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर एस एन कॉलेज शाहमल खैरा प्रबंधन के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से प्रतिवर्ष सैकड़ों छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है । गत वर्ष एनएसएस ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने के कारण 35 छात्र-छात्राओं का नामांकन उक्त कोटा से पीजी में नहीं हो सका । महाविद्यालय में भवन के अभाव में कक्षाएं संचालित करने में काफी परेशानी हो रही है । इसकी शिकायत करने के बाद भी प्रबंधन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में परीक्षा के दौरान मुख्य द्वार बंद कर दिया जाता है । जिसकी वजह से छात्राओं के साथ में आए अभिभावक तेज धूप व बारिश में पेड़ के नीचे इंतजार करने को विवश है। उन्हें महाविद्यालय के कैंटीन और पेयजल भी नहीं लेने दिया जाता ।महाविद्यालय परिसर में स्टैंड की व्यवस्था नहीं होने की वजह से परीक्षार्थी वअभिभावक वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा कर देते हैं। जिस जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
महाविद्यालय के परिसर के चारों ओर जगह जगह चारदीवारी ध्वस्त हो चुकी है .सुरक्षा की दृष्टिकोण से तत्काल मरम्मत कराया जाए तथा सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जाए।एनएसयूआइ के प्रखण्ड अध्यक्ष अमित कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय आने जाने में काफी परेशानी होती है ऐसी स्थिति में कॉलेज प्रबंधन की ओर से बस सेवा चालू की जाए। कई छात्र नेताओं ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थित उक्त महाविद्यालय में प्रोफेशनल कोर्स बीएड़,बीबीए,बीसीए कक्षाओं के साथ स्नातकोत्तर की कक्षाएं शुरू की जाए ।उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के कर्मियों द्वारा छात्रों के साथ भेदभाव व अभद्र व्यवहार किया जाता है । अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो संगठन आंदोलनात्मक कार्रवाई करेगी ।वही प्राचार्य डॉक्टर गौरीशंकर राम ने बताया कि छात्रों द्वारा 17 सूत्री मांगों का ज्ञापन दिया गया है । जिनमें कुछ मांगे जायज है।अधिकांश मांगे विश्वविद्यालय द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। शैक्षणिक व्यवस्था से संबंधित मांगों के लिए महाविद्यालय प्रबंधन सक्रिय हैं।मौके पर प्रशांत ओझा, सनी सिंह, रंजन ओझा, उज्जवल तिवारी, अखिलेश पासवान, रंजन पांडेय आदि शामिल थे ।