सेना में नियुक्ति के लिए साल 2022 में लागू का गई अग्निवीर योजना में सरकार बड़े बदलाव की योजना बना रही है। खबर है कि जल्द ही सेना में स्थाई होने वाले जवानों की संख्या में इजाफा हो सकता है। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। मौजूदा प्रावधानों के तहत अग्निवीर योजना के तहत सेना का हिस्सा बनने वाले जवानों में से 25 फीसदी को प्रशिक्षण के बाद स्थाई किया जाता है।
रक्षा मंत्रालय अग्निवीरों के स्थाई किए जाने के प्रतिशत को बढ़ाकर पचास फीसदी करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पिछले साल लागू की गई अग्निवीर योजना में जवानों को चार साल के लिए नियुक्त किया जाता है, लेकिन बाद में 75 फीसदी को एक तय राशि के साथ सेवा से अलग कर दिया जाएगा।
थल, जल और नभ सेना तीनों में यही प्रक्रिया अपनाई गई है। तीनों सेनाओं में अग्निवीरों के पहले बैच आ चुके हैं। सूत्रों के अनुसार योजना में सुधारों को लेकर अनेक सुझाव सेनाओं की ओर से मिले हैं। खासकर नौसेना एवं वायुसेना का कहना है कि चार साल में 75 फीसदी प्रशिक्षित अग्निवीरों को घर भेजने से उसे नुकसान है क्योंकि जैसे ही वे तकनीकी कार्य में दक्ष होंगे, उनके सेवाकाल पूरा हो जाएंगे।
बता दें कि नौसेना एवं वायुसेना में ज्यादातर सैनिक तकनीक कार्य करते हैं। थल सेना में भी काफी शाखाओं में जवानों को तकनीकी कार्य करना होता है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि सुझाव पर विचार किया जा रहा है। अभी पहले बैच को भी एक ही साल हुआ है इसलिए सरकार के पास इस मामले में फैसला लेने के लिए अभी वक्त है।क्या है अग्निपथ भर्ती योजना ?
‘अग्निपथ भर्ती योजना’ के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे।
इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा। चार साल के सेवाकाल के बाद 75 फीसदी जवानों की सेवाएं समाप्त हो जाएंगी। अधिकतम 25 फीसदी को रेगुलर काडर में जगह मिलेगी। इसके लिए सेवाकाल पूरा होने के बाद ऐच्छिक आधार पर रेगुलर काडर के लिए आवेदन करना होगा।