मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के प्रधान डाकघर में एक और घोटाला हुआ है। चेक घोटाला, स्टांप घोटाला के बाद अब खाते में अवैध रूप से राशि भेजने का मामला सामने आया है। मोतीझील के एक व्यक्ति की शिकायत पर विभाग में हड़कंप मच गया है। पोस्ट मास्टर जनरल उत्तरी के आदेश पर डाक निदेशक, उत्तरी बीबी शरण ने पांच सदस्यीय टीम गठिन कर पूरे मामले का उद्भेदन करने का आदेश दिया है। पूरे राज्य में अगर गहनता से जांच कराई जाए तो करोड़ों के सरकारी रुपये का घोटाला सामने आ सकता है। प्रधान डाकघर में 16 अगस्त को वसीम अंसारी के नाम से जीरो बैलेंस पर खाता खोला गया।
खाता खोलने का काम काउंटर पर कार्यरत डाक सहायक का है। इस खाते को डिप्टी पोस्टमास्टर की आइडी से खोला और खुद सत्यापन भी कर दिया। उसी दिन खाते में 4,97,867 रुपये प्रधान डाकघर गोपालगंज से पेंशन मद की राशि दिखाकर ट्रांसफर कर दिया। एक महीने बाद 19 सितंबर को फिर उसी खाते में प्रधान डाकघर गोपालगंज से 4,95,641 रुपये पेंशन मद ट्रांसफर कर दिए गए। उसी दिन दोनों पैसे को रहमान आलम नामक के व्यक्ति के खाते में आरटीजीएस से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर दिया। रात 11 बजे प्रधान डाकघर मुजफ्फरपुर के एक कर्मी ने उस खाते के सीआइएफ में छेड़छाड़ कर उसका सत्यापन किया। उक्त खाते के सीआइएफ में कई बार छेड़छाड़ कर विभिन्न नामों में परिवर्तित किया गया।
शिकायतकर्ता मोतीझील के तुलसी नारायण ने कहा है कि बिना पैन नंबर डाले ही इतनी बड़ी रकम को दूसरे के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय संचार मंत्री, डाक विभाग के डायरेक्टर हेडक्वार्टर पटना, डायरेक्टर जनरल दिल्ली, डायरेक्टर उत्तरी क्षेत्र, मुजफ्फरपुर, विजिलेंस पटना को पत्र भेजकर बड़े घोटाले की आशंका जाहिर की है। इसके अलावा 2010 में भी ऐसे मामले प्रधान डाकघर में आए थे, जब कुछ चेक को प्रधान डाकघर में आए डाक से निकालकर इसे दूसरे खाते में भुगतान करा लिया गया था। जयपुर पुलिस ने यहां के अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की गई थी तथा प्रधान डाकघर के कई कर्मियों को निलंबित भी किया गया था। मुजफ्फरपुर प्रमंडल के वरीय डाक अधीक्षक सैयद फराज हैदर नवी ने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है।