पटना। अखिल भारतीय शिक्षा मंच के प्रदेश अध्यक्ष आलोक आजाद ने सम्मानित निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार के द्वारा बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 का प्रारूप तैयार कर शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के विभागीय वेबसाईट पर अपलोड कर सभी हितबद्ध शिक्षाविदों से किसी भी तरह का सुझाव विज्ञापन प्रकाशन की तिथि के एक सप्ताह के अन्दर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा के ईमेल आईडी पर मांगने का स्वागत के साथ कुछ बदलाव की मांग सुझाव के माध्यम से किया है। आलोक आजाद ने सुझाव में कहा की इस नियमावली में सबसे पहले स्पष्ट रूप से राज्यकर्मी का दर्जा देने का उल्लेख होना चाहिए।इसके साथ शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों का अलग अलग संवर्ग गठित करने की जगह पर एक राज्य एक संवर्ग एक विधालय एक वेतनमान को लागू करना चाहिए।इसके साथ जो शिक्षक एवं पुस्तकालयाध्यक्ष दक्षता परीक्षा अथवा टीईटी परीक्षा पास कर चुके हैं, उन सभी को समानता परीक्षा से मुक्त कर प्रोन्नति के लिए विभागीय परीक्षा आयोजित किया जाए।
आलोक आजाद ने कहा कि उक्त नियमावली की कडिका (7) में विद्यालय अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 से नियुक्त होने वाले शिक्षकों एवं नियमावली से आच्छादित शिक्षकों के बीच भी वरीयता का स्पष्ट निर्धारण हो, जिससे इस नियमावली से आच्छादित शिक्षकों की सेवा वरीयता अक्षुण्ण रह सके। उक्त नियमावली की कडिका (8.2) एवं (8.5) में अंकित प्रावधानों के स्थान पर राज्यकर्मियों के लिए वित्त विभाग के अधिसूचना संख्या 460 दिनांक 24.05.2017 द्वारा लागू वेतन संरचना (पे मैट्रिक्स) के लिए दी गई तालिका के अनुसार ही वेतन निर्धारण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में नियोजित शिक्षकों के लिए नियत वेतन से वेतनमान लागू होने के समय वेतन निर्धारण में पूर्व की सेवा की गणना करते हुए वेतन वृद्धि जोड़ा गया था। जिससे वरीय एवं कनीय शिक्षकों के बीच अन्तर था परंतु यहाँ सभी शिक्षकों का वेतन एक हो जायेगा।ऐसी स्थिति में पूर्व की भांति इस नियमावली के आच्छादित शिक्षकों के वेतन निर्धारण में भी पूर्व की सेवा की गणना करते हुए प्राप्त वार्षिक वेतनवृद्धि को जोड़ा जाना चाहिए।
इसके साथ हीं नियमावली के अन्तर्गत कार्यरत आच्छादित शिक्षकों के पेंशन नीति छुट्टी, ग्रेच्युटी, अनुकंपा एवं अन्य सेवांत लाभ पुराने जिला संवर्गीय एवं प्रमंडल संवर्गीय सहायक शिक्षकों की भांति लागू करने संबंधी स्पष्ट प्रावधान जोड़ा जाना चाहिए। उक्त नियमावली की कंडिका (9) में प्रोन्नति की समयावधि की गणना स्थानीय निकाय में नियुक्ति तिथि से किए जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। प्रोन्नति के अभ्युक्तियों कॉलम में रिक्तियों के अनुसार स्वस्थान प्रोन्नति के स्थान पर राज्यकर्मियों के लिए लागू सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना के अन्तर्गत 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्ष की सेवा पर सभी शिक्षकों को वेतन प्रोन्नति का स्पष्ट प्रावधान अंकित किया जाए। अधिसूचना संख्या 1072 दिनांक 25.06.2005 के द्वारा प्रधानाध्यापकों के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से एवं 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से भरे जाने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
आलोक आजाद ने कहा की पुराने शिक्षकों के लिए विभागीय अधिसूचना संख्या 1512 दिनांक 16.11.2002 द्वारा लागू नियमों के अनुरूप इस नियमावली से आच्छादित शिक्षकों का पद भी अस्थानान्तरणीय करते हुए केवल ऐच्छिक स्थानान्तरण का ही प्रावधान किया जाना चाहिए।उक्त नियमावली की कोडका (11) में अनुशासनिक कारवाई हेतु किए गए प्रावधान के स्थान पर विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 की कंडिका (14) में अंकित बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 में निहित प्रावधान को प्रभावी किया जाना चाहिए। उक्त नियमावली की कंडिका 3 (2) में अंकित “विभाग द्वारा परिणामी रिक्ति का नियत प्रतिशत नियमावली से आच्छादित शिक्षक के प्रोन्नति हेतु” के स्थान पर सभी शिक्षकों के कुल पदों का 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति हेतु रखने का प्रावधान किया जाना चाहिए।