आरा: शिक्षा विभाग ने 2019 में विश्वविद्यालय के सभी विभागों और कार्यालयों में करीब ढाई लाख की बायोमेट्रिक मशीन लगवाई थी। इनमें से अधिकांश मशीनें खराब हो गई हैं। इसकी पुष्टि करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी विभागों और कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति बनाने क निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई बार निर्देश दिया गया है। इसके अमल करने में कहां कमी रह गई। इसे लेकर कुलसचिव प्रो. रणविजय कुमार से जानकारी मांगी गई है। वह एक सप्ताह के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। सभी विभागों में चेहरे के स्कैन वाली बायोमेट्रिक मशीन लगाने का निर्देश दिया गया है। किन-किन विभाग और कहां पर बायाेमीट्रिक मशीन से उपस्थिति नहीं बनती है। इस संबंध में विस्तृत ब्योरा मांगा गया है।
विश्वविद्यालय के कई विभाग, मुख्यालय और परीक्षा विभाग में बायोमेट्रिक मशीन नहीं है। इसके कारण दो सौ से अधिक कर्मियों की उपस्थिति मैन्युअल बनती है। जीरो माइल स्थित परीक्षा विभाग में 40 से अधिक कर्मचारी, मुख्य प्रशासनिक कार्यालय में भी 32 कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत हैं, लेकिन मैन्युअल उपस्थिति के आधार पर वेतन का भुगतान होता है। भोजपुरी विभाग में तीन माह, हिंदी में दो साल, दर्शन शास्त्र में एक साल, भूगोल में चार माह, बोटनी और फारसी विभाग में एक साल से बायोमेट्रिक मशीन खराब है। कुलसचिव प्रो. रण विजय कुमार ने बताया कि कुलपति के आदेशानुसार सभी अंगीभूत कालेजों में शिक्षकों की उपस्थिति बायोमेट्रिक से बनाने के लिए प्राचार्याें को पत्र भेजा गया है। जिन कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीन नहीं है, संबंधित कालेजों के प्राचार्य शिक्षकों की उपस्थिति अपने सामने बनाकर विश्वविद्यालय मुख्यालय भेजेंगे।