संपादकीय: आजादी के बाद वर्ष 1951 की जनगणना में देश की जनसंख्या लगभग 36 करोड़ थी, जो 2011 में बढ़कर करीब 121 करोड़ हो गई। चूंकि 2021 में जनगणना नहीं हो पाई, फिर भी अनुमान लगाया गया है कि देश की जनसंख्या लगभग 142 करोड़ यानी चीन से भी ज्यादा हो गई है। सीमित संसाधन जनसंख्या का बोझ नहीं उठा सकते। अतः जनसंख्या नियंत्रण को प्राथमिकता देते हुए ‘दो या तीन बच्चे, होते हैं घर में अच्छे’ का नारा दिया गया। आगे चलकर इसमें सुधार करते हुए ‘हम दो-हमारे दो’ का नारा आया। लोगों को इसका महत्व समझाते हुए परिवार नियोजन एवं नसबंदी का न केवल आग्रह किया गया, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों ने इसे सफल बनाने के लिए व्यापक अभियान भी चलाया।
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