पटना: राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के 79वें वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। बिहार की 13 करोड़ जनसंख्या हमारे लिए बोझ नहीं बल्कि हमारी शक्ति है। इसे सही दिशा देने की जरूरत है। गांवों में उद्योग लगने से वहां के युवाओं को वहीं रोजगार मिल सकेंगे। बुधवार को उन्होंने यह बात बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में आयोजित समारोह में कही।
राज्यपाल ने औद्योगिक विकास के लिए शहरीकरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता से असहमति जताते हुए कहा कि इससे लोग शहरों पर ही ध्यान केंद्रित करने लगते हैं और गांव विकास से वंचित रह जाते हैं। शहरों की सुविधाएं गांवों में आनी चाहिए और वहां कृषि आधारित उद्योग लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार का जर्दालू आम, मखाना, लीची आदि का निर्यात होने से कई प्रकार के उद्योग यहां आ सकते हैं। इसके लिए हमें इनके बेहतर मार्केटिंग, ब्रांडिंग आदि के बारे में सोचना होगा।
इस राज्य में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को गरीब और पिछड़ा होने जैसी हीन भावना से मुक्त होकर विकास के लिए एक सकारात्मक सोच के साथ नई पहल करनी चाहिए। कार्यक्रम में राज्यपाल ने औद्योगिक विकास में उल्लेखनीय योगदान देनेवाले उद्यमियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम को उद्योग मंत्री समीर महासेठ, एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी तथा पूर्व अध्यक्ष अरूण अग्रवाल ने संबोधित किया। इस अवसर पर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार एवं कोषाध्यक्ष मनीष कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित थे।