औरंगाबाद: कुटुंबा प्रखंड के एरका गांव की बहू प्रियंका कुमारी ने विवाह के 13 वर्ष बाद बीपीएससी में सफलता पाई है। पति धनंजय प्रसाद पहले से बीपीएससी में सफलता हासिल कर मापतौल पदाधिकारी हैं। पत्नी प्रियंका ने पति के समकक्ष पहुंचने के लिए विवाह बाद बीपीएससी की तैयारी की। 790 वीं रैंक पर रही प्रियंका ग्रामीण विकास विभाग में बीडीओ अथवा समकक्ष पद पर कार्य करेगी। प्रियंका का मायका भभुआ जिले के हटा गांव में है। वर्ष 2008 में मैट्रिक एवं 2010 में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रियंका की शादी हुई।
पति धनंजय प्रसाद का चयन 2017 में बीपीएससी में हुआ था। मापतौल पदाधिकारी पटना में कार्य कर रहे हैं। पत्नी प्रियंका ने अपने सफलता का श्रेय पति, चचेरे ससुर जगदीश प्रसाद उर्फ आडिटर साहब एवं बड़े भाई भरत सेठ को दिया है।बताया कि शादी के बाद घर का काम करते हुए पढ़ाई, बच्चों का पालन करते हुए पढ़ाई की है। चचेरे ससुर एवं पति हौसला बढ़ाते रहे। ससुर जगदीश प्रसाद विज्ञान एवं गणित विषय के जानेमाने विशेषज्ञ हैं। कुटुंबा प्रखंड के बैरांव गांव के किसान उचित राय के पुत्र अमन कुमार राय ने बीपीएससी में प्रथम प्रयास में सफलता हासिल की है। अमन का चयन प्रखंड एससी एसटी कल्याण पदाधिकारी पद पर हुआ है। मां सुमन राय गृहिणी हैं। अमन की प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी विद्यालय में हुई।
बाद में अमन का चयन सिमुलतल्ला विद्यालय में हुआ। 2015 में बिहार बोर्ड में राज्य में अच्छे स्थान लाकर सबको चौंकाया था। 2017 में इंटर की परीक्षा पास करने के बाद आइआइटी के लिए इंट्रेंस परीक्षा पास की और गुवाहाटी असम से 2021 में पास करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में लगा था। उन्होंने बताया कि बीपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास में उसने 567 वीं रैंक हासिल किया है। यूपीएससी की पीटी परीक्षा पास की है। 2023 की मेंस परीक्षा में शामिल हुआ है। उसका विश्वास है कि यूपीएससी की परीक्षा में चयन होगा। सफलता का श्रेय माता-पिता, दादा रामदेव राय एवं चाचा को समर्पित किया है।