पटना: शिक्षक भर्ती में 11 नवम्बर से विद्यालय आवंटन के साथ शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिलेगा। मंगलवार को इसे लेकर निर्देश दिया गया। जिन जिलों में स्कूलों की रिक्ति, छात्र नामांकन, उपस्थिति, शिक्षकों की संख्या की वर्तमान स्थिति का सत्यापन का काम हो गया है, वहां पहले नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया की जाएगी। मूल नियुक्ति पत्र देने से पहले अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट की जांच भी होगी। निदेशक ने इसे लेकर आदेश दिया है। जिला स्तर पर इसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
नवनियुक्त शिक्षकों के सभी सर्टिफिकेट की संबंधित बोर्ड से जांच कराई जायेगी। डीईओ को इसका जिम्मा मिला है। अभी नव चयनित शिक्षकों को औपबंधिक नियुक्ति पत्र मिला है, जिसपर विद्यालय आवंटन नहीं है। जिले में 6 हजार से अधिक शिक्षकों के सर्टिफिकेट का सत्यापन होगा। डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों के सर्टिफिकेट जिस बोर्ड से हैं, उस बोर्ड के पास भेज कर सत्यापन कराया जाएगा। ऑनलाइन सर्टिफिकेट भेजने की प्रक्रिया को लेकर प्रस्ताव रखा गया है।
जिलों से भेजी गई रिक्ति के आधार पर रैंडमली विद्यालय का आवंटन होगा। जिलों को नियुक्ति पत्र साइट पर भेजा जाएगा, जिसका प्रिंट जिले में निकाला जाएगा। रॉल नंबर के हिसाब से नियुक्ति पत्र निकाला जाएगा। शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन शीघ्र शुरू करने का निर्देश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है। विभाग ने जिलों को लिखे पत्र में कहा है कि चयनित शिक्षकों के पदस्थापन की कार्रवाई चल रही है। इस बीच समय पर प्रमाणपत्रों का सत्यापन शुरू कर दें, ताकि इस कार्य में विलंब नहीं हो।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिलों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि एक लाख नौ हजार शिक्षकों को काउंसिलिंग के बाद जिलों के द्वारा औपबंधित नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है। बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति नियमवाली 2023 के आलोक में इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया जाना आवश्यक है। मालूम हो कि नये शिक्षकों को तत्काल गांवों के स्कूल में भेजकर सेवा लेने का निर्देश जिलों को दिया गया है। इस आलोक में जिलों के द्वारा कार्रवाई की गई है।