पटना। बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज (शुक्रवार को) पांचवां और आखिरी दिन है। गुरुवार को हुए हंगामे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीतन राम मांझी को लेकर दिए बयान की वजह से लगातार हंगामा जारी है। इस हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गई है। पक्ष और विपक्ष के प्रदर्शन के बीच ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन की गतिविधि में भाग लेने के लिए विधानसभा पहुंचे लेकिन प्रदर्शन होता देख उनके वाहन को विधान परिषद की ओर बढ़ा दिया गया। मुख्यमंत्री विधान परिषद के रास्ते अंदर प्रवेश कर गए। इस बीच भाजपा ने विधान परिषद के प्रवेश द्वार पर ही प्रदर्शन शुरू कर दिया और दलित मुख्यमंत्री और महिलाओं के साथ हुए अपमान के मुद्दे को लेकर आवाज बुलंद करते नजर आए। बिहार विधानसभा में शुक्रवार को सदन की विधायी गतिविधियां प्रारंभ हो इसके पूर्व विधानसभा परिसर में सत्ता पक्ष और विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन हुआ।
सत्ता पक्ष के लोग जहां मोदी सरकार के शासन में महिलाओं पर हुए अत्याचार के मुद्दे पर आवाज बुलंद कर रहे थे तो वहीं भाजपा के नेता गुरुवार को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ हुई बदसलूकी के मसले को लेकर सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के कक्षा के बाहर धरना पर बैठे नजर आए। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी आज सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ धरना दे रहे हैं। बता दें कि गुरुवार को विधानसभा से आरक्षण संशोधन बिल पारित कर दिया गया था। इस दौरान हुई चर्चा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि मेरी गलती की वजह से मांझी सीएम बने।
आरक्षण बिल पर ही बहस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी पर जमकर हमला बोला था नीतीश ने यहां तक कह दिया कि मांझी को मुख्यमंत्री बनाना उनकी मूर्खता थी। अब विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर दिया है। दलित नेता होने की वजह से मांझी को इसमें भाजपा का भी साथ मिल रहा है। करीब-करीब सभी भाजपा नेताओं ने मांझी को लेकर दिए गए नीतीश कुमार के बयान की निंदा की है। इधर, गुरुवार को विधानसभा और विधान परिषद में भी आसन की ओर से सदन के सदस्यों को मर्यादा का पालन करने और असंसदीय शब्दों को उपयोग नहीं करने की हिदायत दी गई थी।