पटना: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आदेश जारी किया है. अगर बीपीएससी द्वारा नियुक्त कोई शिक्षक कोई यूनियन, एसोसिएशन या संगठन बनाता है या उसका सदस्य बनता है, तो उसकी नौकरी चली जायेगी. उनके आदेश पर अमल शुरू हो गया है. बिहार के मधुबनी जिले में एक नवनियुक्त शिक्षिका की नौकरी चली गयी है.
मधुबनी जिले में नियुक्त इस महिला शिक्षिका को इस आरोप में नौकरी गंवानी पड़ी है कि उन्होंने बीपीएससी शिक्षक मंच का गठन किया था. अब शिक्षा विभाग ने उनकी नियुक्ति रद्द कर दी है. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, मधुबनी के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने महिला शिक्षक की नियुक्ति रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है. मधुबनी के जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश के मुताबिक बबीता कुमारी नाम की महिला शिक्षिका ने बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद नौकरी ज्वाइन की थी. दो नवंबर को उन्हें शिक्षिका पद पर नियुक्ति पत्र दिया गया।
शिक्षा विभाग कह रहा है कि नियुक्ति पत्र मिलने के एक सप्ताह के अंदर ही उन्होंने बीपीएससी टीचर्स एसोसिएशन का गठन कर लिया. बबीता कुमारी को बीपीएससी शिक्षक संघ का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया गया. शिक्षा विभाग ने बीपीएससी टीचर्स एसोसिएशन के गठन को लेकर बबीता कुमारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. डीईओ का कहना है कि जांच में बबीता द्वारा दिया गया जवाब गलत पाया गया है। ऐसे में विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है. शिक्षा विभाग ने दो अक्टूबर को जारी उनके नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया है.
केके पाठक का फरमान
दरअसल, बीपीएससी द्वारा करीब एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने निर्देश जारी किया था. कहा गया कि किसी भी नवनियुक्त शिक्षक को कोई संगठन बनाने या किसी संगठन का सदस्य बनने पर रोक है. अगर कोई ऐसे मामले में संलिप्त पाया गया तो उसकी नियुक्ति रद्द कर दी जायेगी. केके पाठक का आदेश सभी जिलों को भेज दिया गया. इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रख रहे हैं.