इंफाल। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच 10-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से युद्धरत समुदायों के बीच शांति वार्ता शुरू करने का आग्रह किया है। राजभवन द्वारा जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह के नेतृत्व में टीम ने शुक्रवार (17 नवंबर) शाम राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि केंद्र, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बिना राज्य में शांति बहाल नहीं की जा सकती। बयान में कहा गया है कि उन्होंने ‘दोनों समुदायों के साथ शांति वार्ता तत्काल शुरू करने की मांग की ताकि चल रहे संघर्ष का एक स्थायी समाधान प्राप्त किया जा सके’।
मणिपुर में कुकी-जो जनजातियों के अग्रणी संगठन आईटीएलएफ ने बुधवार को उन क्षेत्रों में ‘स्व-शासित अलग प्रशासन’ स्थापित करने की धमकी दी थी,जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की। राज्य सरकार ने कुकी-जो समुदाय के सदस्यों के प्रभुत्व वाले जिलों में ‘स्वशासित अलग प्रशासन’ के स्वदेशी जनजातीय नेता मंच के आह्वान की कड़ी निंदा की है और इसे अवैध बताया है। प्रतिनिधिमंडल ने उइके से विरोधी समुदायों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री से संपर्क करने का आग्रह किया है। इसके अलावा राज्यपाल से संघर्ष का समाधान खोजने के लिए प्रधानमंत्री के साथ मणिपुर में सभी राजनीतिक दलों की बैठक की सुविधा प्रदान करने की अपील की है।