पटना: बिहार में अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली को लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है। विपक्षी नेता नीतीश सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं गेस्ट टीचरों ने भी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को अतिथि शिक्षकों ने राजद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। राजद कार्यालय के मेन गेट पर हज़ारों की तादाद में अतिथि शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से आये गेस्ट टीचरों की मांग है कि उनकी नौकरी स्थाई की जाए। जब तक उन लोगों को परमानेंट नौकरी नहीं मिलेगी, वह लोग आंदोलन करते रहेंगे।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के स्कूलों में वह लोग 6 साल से सेवा दे रहे हैं। आज की तारीख में प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों के लोगों को नियुक्ति दे रही है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि वह लोग कुछ अलग नहीं मांग रहे हैं। 6 सालों से सेवा दे रहे हैं, उसे ही कंटीन्यू कर दिया जाए। इसके साथ ही परीक्षा लें, जो लोग पात्रता परीक्षा पास कर लें उन्हें नौकरी दी जाए। इधर धरना प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को काबू करने के लिए पुलिस भी पहुंच चुकी है, लेकिन गुस्सा शिक्षक मौक़े पर डटे हुए हैं।
पटना के गांधी मैदान में प्रदेश सरकार के ख़िलाफ अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर नारेबाज़ी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों को नौकरी से हटाया जा रहा है और बाहर के लोगों को नौकरी दी जा रही है। सरकार हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अब हम लोगों के पास उम्र सीमा भी नहीं बची है कि दूसरी नौकरी के लिए आवेदन कर सकें। सरकार को चाहिए कि गेस्ट टीचरों की भी परीक्षा ले और जो एग्ज़ाम में कामयाब होते हैं उनकी नौकरी पक्की कर दी जाए। अगर सरकार हम लोगों की मांग को पूरा नहीं करती है तो आगामी चुनाव में सरकार को इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ेगा।