पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए जिले के सभी मुखिया को प्रदान किया जा रहा है प्रशिक्षण
सासाराम। जनसंख्या चित्रकरण को लेकर सरकार द्वारा आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़ा में जनप्रतिनिधियों की भूमिका की महत्ता को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति ने जिले के सभी मुखिया को प्रशिक्षण प्रदान कर सरकार द्वारा आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़ा को जन जन तक पहुंचने में सहयोग के लिए अपील किया गया। सासाराम के एक निजी होटल में बुधवार को मुखिया के लिए प्रशिक्षण की शुरुआत की गई। प्रशिक्षण का उद्घाटन रोहतास सिविल सर्जन डॉक्टर केएन तिवारी ने किया। प्रशिक्षण के प्रथम दिन करगहर और अकोढी गोला के सभी पंचायतों के मुखिया को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 30 नवंबर को करगहर, काराकाट, 1 दिसंबर को कोचस,चेनारी, डेहरी, दावथ तथा 2 दिसंबर को दावथ, दिनारा, नासरीगज, 4 दिसंबर को नासरीगंज,नोखा,नौहट्टा, बिक्रमगंज, 5 दिसंबर को बिक्रमगंज,राजपुर,रोहतास, शिवसागर,संझौली,सूर्यपुरा और सासाराम प्रखंड के मुखिया का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को जन जन तक पहुंचाने का किया गया अपील
मुखियागण से एकदिवसीय प्रशिक्षण में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपील किया गया। प्रशिक्षण में जानकारी दी गई कि 27 नवंबर से लेकर 16 जनवरी तक मिशन परिवार विकास के तहत पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। पखवाड़े में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपील किया गया। साथ ही उन्हे बताया गया की 27 नवंबर से लेकर 3 दिसंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमें लोगों को पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण में मुखिया से अपील किया गया कि अपने पंचायत के लोगों को पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के बारे में जानकारी देकर पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने में सही योग करें।
मुखिया निभा सकते है अहम भूमिका
मुखिया प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों के मुखिया को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर केएन तिवारी ने कहा कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है और उस योजनाओं से लोगों को तो लाभ पहुंचाना ही जा रहा है, साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के अंतिम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया हो सके इसके लिए जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम होती है, क्योंकि जनप्रतिनिधि अपने पंचायत के अंतिम लोगों तक संपर्क में रहते हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि यदि स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचने में मुखिया का सहयोग रहे तो जिले के तमाम लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से पहुंचने लगेगी।