पटना। बिहार में वोट के नए किस्से में इन दिनों विशेष तौर पर बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का नाम लिया जा रहा। वहीं, बाबा साहब के सुमिरन के माध्यम से राजनीतिक दल बात अपने साहब की कर रहे। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक दलों में वाया बाबा साहब अपने साहब की बात ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश में अत्यंत पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग के बाद तीसरे नंबर पर 19.65 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है।
जदयू ने हाल ही में संविधान दिवस के दिन 26 नंवबर को पटना में वृहत स्तर पर भीम संसद का आयोजन किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उस आयोजन में शामिल हुए थे। उस दौरान मंच से यह चर्चा हुई कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए किस तरह से काम किए गए। जाति आधारित गणना के बाद नीतीश कुमार ने इनके आरक्षण के दायरे को बढ़ाया। अनुसूचित जाति के लोगों में बच्चों को पढ़ाने के काम में लगे टोला सेवकों का मानदेय बढ़ाने और फिर अनुसूचित जाति के लोगों के बीच उद्यमिता बढ़ाने को चल रही योजना की बात हुई। इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया कि किस तरह से इस वर्ग को सशक्त करने को ले सरकार ने योजनाएं चलाईं।
भीम संसद के बाद राज्य मंत्रिमंडल में जदयू के मंत्री बाबा साहब का नाम लेकर नियमित रूप से भाजपा को कोस रहे। इस क्रम में एक मंत्री ने यह कहा कि भाजपा को तो बाबा साहब के नाम से चिढ़ है।जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस दल के लोग संविधान के माध्यम से अनुसूचित जाति को मिले आरक्षण पर पुनर्विचार की बात कह रहे उन्हें तो बाबा साहब का नाम लेने तक का अधिकार नहीं। नीतीश कुमार ने तो इस वर्ग के लोगों के आरक्षण के दायरे को बढ़ा दिया।
एनडीए ने भी बाबा साहब के नाम का प्लेटफार्म बनाकर तीन तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए घेरा बनाया है। गुरुवार को पटना के मिलर स्कूल मैदान में बाबा साहब का नाम लेकर अनुसूचित जाति के लोगों की रैली हुई। उत्तर प्रदेश की मंत्री बेबी रानी मौर्य विशेष रूप से पहुंची थीं। यह कहा गया कि मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों को सशक्त करने को ले बड़े-बड़े काम किए। वहीं नीतीश कुमार के लिए एनडीए में एक घेरा जीतन राम मांझी के नेतृत्व में बना है।
वह खुलेआम यह कह रहे कि अनुसूचित जाति के लोगों का मुख्यमंत्री ने अहित किया है। इसके अलावा दूसरे घेरे का नेतृत्व चिराग पासवान को दिया गया है। वह भी नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे। अनुसूचित जाति के लिए केंद्र द्वारा किए गए कर्यों को बताया जा रहा।