पखवाड़ा में 163 पुरुषों ने तो 894 महिलाओं ने अपनाया स्थाई परिवार नियोजन का साधन
सासाराम। जनसंख्या स्थितिकरण को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है और इसके लिए समय-समय पर अभियान चला कर लोगों को स्थाई एवं अस्थाई संसाधनों को अपनाने पर बल दे रही है। जनसंख्या स्थितिकरण को लेकर साल में चार बार परिवार नियोजन पखवाड़ा का भी आवेदन किया जाता है जिसमें महिला बंध्याकरण के साथ-साथ पुरुष नसबंदी को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है और स्थाई परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाया है। हालांकि इस अभियान में महिलाओं की सहभागिता पुरुषों से कही ज्यादा दिखाई देती है। नसबंदी को लेकर भी सरकार पुरुषों में लगातार जागरूकता अभियान चला रही है और उन्हें बताने का प्रयास किया जा रहा है कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण से कहीं ज्यादा बेहतर और आसान है। 4 दिसंबर से 16 दिसंबर तक आयोजित परिवार नियोजन पखावड़ा में जहां 894 महिलाओं ने बंध्याकरण करवाया तो वही 163 पुरुषों ने नसबंदी करवा कर परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाया।
नोखा प्रखंड में सर्वाधिक पुरुषों ने अपनाया स्थाई साधन
स्थाई परिवार नियोजन को लेकर शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्यादा आगे आ रहे हैं। और यह परिणाम पखवाड़ा में भी देखने को मिला। 4 दिसंबर से लेकर 16 दिसंबर तक आयोजित पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में नोखा अव्वल रहा जहां 25 पुरुषों ने नसबंदी करवाया, तो वही दूसरे स्थान पर बिक्रमगंज रहा जहां 20 पुरुषों ने नसबंदी कराया। जबकि तीसरे स्थान पर शिवसागर प्रखंड रहा जहां 15 पुरुषों ने नसबंदी करा कर परिवार नियोजन के स्थाई संसाधन अपनाया। वही काराकाट में 13, सासाराम में 5, डेहरी में डेहरी में 11, अकोढीगोला 11, चेनारी में 6, दावथ में 7, दिनारा में 9, काराकाट में 13, करगहर में 4, कोचस में 10, नासरीगंज में 2, नौहट्टा में 2, राजपुर में 3, रोहतास में 7, संझौली में 1, तथा सूर्यपिरा में 5 पुरुषों ने नसबंदी करवाया। वही महिला बंध्याकरण की बात करे तो डेहरी प्रखंड अव्वल रहा जहां 111 महिलाओं ने बंध्याकरण करवाया। दूसरे स्थान पर सासाराम रहा जहां 108 महिलाओं ने बंध्याकरण करवाया। वही शिवसागर तीसरे स्थान पर रहा जहां 101 माहिलों ने अपना बंध्याकरण करवाया। बिक्रमगंज में 40, अकोदी गोला मैं 46, चेनारी में 53, दावथ में 30, दिनारा में 45, काराकाट में 57, करगहर में 44, कोचस में 62, नासरीगंज में 24, नौहट्टा में 26, नोखा में 29, राजपुर में 17, रोहतास में 22, संझौली में 15, सूर्यपुरा में 27, तिलौथू में 40 महिलाओं ने बंध्याकरण करा कर परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाया।
परिवार नियोजन पखवाड़ा में स्थाई साधनों ने अधिक अस्थाई संसाधनों पर दंपतियों ने जताया भरोसा
परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान दंपतियों को स्थाई एवं अस्थाई परिवार नियोजन के संसाधनों के बारे में बताया जाता है। इसके लिए विभिन्न प्रखंडों में मेला या जागरूकता रैली, होर्डिंग के माध्यम से दोनों संसाधनों के बारे में लोगों को बताया जाता है। 27 नवंबर से मिशन परिवार विकास के तहत आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़े में दंपतियों ने स्थाई संसाधनों की अपेक्षा अस्थाई संसाधनों पर अधिक भरोसा जताया और इसका इस्तेमाल किया। परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान 715 दंपतियों ने आईयुसीडी का इस्तेमाल किया, जबकि 506 दंपतियों ने पीपीआयुसीडी तथा 1709 दंपतियों ने अंतरा इंजेक्शन का इस्तेमाल किया।
मिल रहा बेहतर परिणाम
डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसका परिणाम यह है कि अब पुरुष भी नसबंदी के लिए आगे आ रहे हैं। हालांकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की संख्या काफी कम है। उन्होंने कहा कि पुरुष नसबंदी पर जोर देने के लिए लगता जिला स्वास्थ्य समिति प्रयासरत है। डीपीसी ने बताया कि आम दिनों में भी परिवार नियोजन के संसाधनों को अपनाने के लिए पुरुषों को जागरूक किया जाता है।