पटना। बिहार में शिक्षा की तस्वीर धीरे-धीरे बदलने लगी है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा है कि बिहार में एक लाख और शिक्षकों की बहाली जल्द होगी। उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा कि मैंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का बीड़ा उठाया है लिहाजा हर सरकारी विद्यालयों और शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्रों का जायजा ले रहा हूं। इसके साथ ही केके पाठक ने कहा कि प्रत्येक साल अगस्त में 50 हजार शिक्षकों की वैकेंसी निकलेगी। हर साल डिग्री लेने वालों को नौकरी मिलेगी। उन्होंने टीचर्स से कहा कि आप सब शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें। जो बच्चे कमजोर हैं, उनका अतिरिक्त क्लास लें।
इसके साथ ही शिक्षकों से उन्होंने अनुरोध किया कि प्रत्येक शनिवार को छात्र, शिक्षक और अभिभावक के साथ सार्थक बैठक करें। उन्होंने ट्रेनिंग ले रहे शिक्षकों से कहा कि इस साल के बाद डीएलइडी छात्र को परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी जाएगी। पढ़ाएंगे नहीं तो पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी। इसके साथ ही केके पाठक ने कहा कि जब मजदूर का बेटा मजदूर ही बनेगा तो शिक्षा पर खर्च का क्या फायदा? शिक्षकों के सहयोग से शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो रहा है। पहले स्कूलों में 50 फीसदी से भी कम बच्चों की उपस्थिति होती थी लेकिन अब हालात बदले हैं।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हर साल डिग्री लेंगे तो हर साल नौकरी होगी। शिक्षक बनने के लिए वहीं लोग आवेदन करें, जिन्हें शिक्षा से लगाव है और वे गांव में जाकर रह सकें अन्यथा डिग्री बेकार है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृति और नियोजित शिक्षकों की बीपीएससी से नियुक्ति को जोड़ दिया जाए तो हर साल अगस्त में 40 से 50 हजार रिक्तियां होंगी। उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे प्रधानाध्यापकों से कहा कि तेल का खर्च आने-जाने से होता है लेकिन आप गांव में रहते है तो उसी पैसे में आप बच्चों को बेहतर शिक्षा दें सकेंगे।