पटना: राजधानी पटना के लोगों को पटना मेट्रो का सफर करने के लिए कम से कम तीन साल और इंतजार करना होगा। पटना में पहली मेट्रो ट्रेन जनवरी, 2027 तक दौड़ने की संभावना है। यह मेट्रो ट्रेन कोरिडोर-दो में बैरिया के न्यू आइएसबीटी से वाया गांधी मैदान होते हुए पटना जंक्शन तक चलेगी। पटना मेट्रो के कोरिडोर-दो का काम ही सबसे पहले पूरा होने की उम्मीद है। न्यू आइएसबीटी से मलाही पकड़ी तक पांच स्टेशनों का एलिवेटेड प्रायोरिटी कोरिडोर भी इसी का हिस्सा है। दैनिक जागरण की टीम ने गुरुवार को कोरिडोर-दो में मोइनुलहक स्टेडियम के पास बन रही भूमिगत सुरंग के निर्माण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान निर्माण कार्य की चुनौतियों को भी नजदीक से देखा-समझा।
मोइनुलहक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी मेट्रो की दोहरी सुरंग की खोदाई दो टनल बोरिंग मशीन के जरिए की जा रही है। इसमें एक सुरंग करीब 1100 मीटर जबकि दूसरी सुरंग करीब 750 मीटर तक खोदी जा चुकी है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) के अधिकारियों के अनुसार, इस साल मार्च-अप्रैल तक पटना विश्वविद्यालय तक सुरंग की खोदाई का काम पूरा होने की संभावना है।
इसके बाद विश्वविद्यालय से वाया पीएमसीएच, गांधी मैदान तक सुरंग का निर्माण कार्य शुरू होगा। इसी कोरिडोर में गांधी मैदान से आकाशवाणी की ओर भी मेट्रो सुरंग की खोदाई का काम जारी है। कोरिडोर-दो में कुल 12 मेट्रो स्टेशन हैं। इसमें सात स्टेशन भूमिगत जबकि पांच स्टेशन एलिवेटेड हैं।
मलाही पकड़ी से न्यू आइएसबीटी तक पांच एलिवेटेड स्टेशन प्रायोरिटी कारिडोर का हिस्सा हैं। इस कोरिडोर पर गार्डर रखने का काम लगभग पूरा हो गया है। अब पटरी बिछने का इंतजार है। वहीं राजेंद्रनगर से पटना स्टेशन तक भूमिगत सुरंग की खोदाई का काम दो फेज में चल रहा है।
पटना मेट्रो का कोरिडोर एक दानापुर से खेमनीचक तक है। इस रूट पर कुल 14 स्टेशन हैं। इसमें आठ एलिवेटेड जबकि छह भूमिगत मेट्रो स्टेशन हैं। दानापुर से राजाबाजार तक एलिवेटेड रूट का काम तेजी से जारी है, मगर पटना जंक्शन से रूकनपुरा तक बनने वाले भूमिगत रूट का काम अटका है। हाल ही में इसका टेंडर हुआ है। उम्मीद है कि अगले कुछ माह में इस रूट पर भी भूमिगत सुरंग की खोदाई का काम शुरू हो जाएगा।
दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने पटना मेट्रो के निर्माण के दौरान स्वच्छता बनाए रखने में आम जनता का सहयोग मांगा है। डीएमआरसी के सलाहकार (विशेष कार्य) दलजीत सिंह ने कहा कि मेट्रो के निर्माण में आमजनता की सहूलियत और पर्यावरण संरक्षण का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
प्राय: देखा जा रहा है कि बैरिकेड्स पर पोस्टर-बैनर चिपकाकर या पान-गुटखे की पिक फेंककर उसे गंदा किया जा रहा है। इससे हर माह लगभग 64 हजार लीटर पानी के साथ श्रम की भी बर्बादी हो रही है। डीएमआरसी ने लोगों से अपील की है कि वें सफाई-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।