पटना। एमएलसी संजय सिंह ने 28 जनवरी को प्रस्तावित राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है. बिहार में सियासी उलट पुलट की अटकलों के बीच राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम स्थगित होना एक और संकेत माना जा रहा है कि नीतीश कुमार जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. संजय सिंह की ओर से बताया गया है कि अपरिहार्य कारणों से राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम रद्द किया गया है. सूत्रों के अनुसार सीएम नीतीश की ओर से 28 जनवरी को राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम में आने का अपना प्लान रद्द कर दिया गया. सीएम नीतीश के फैसले के बाद संजय सिंह ने 28 जनवरी का कार्यक्रम रद्द कर दिया.
महाराणा प्रताप पुण्यतिथि को लेकर राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई थी. एमएलसी संजय सिंह की ओर से इसकी तैयारी को लेकर पिछले करीब एक महीने से राज्य के कई जिलों का दौरा किया गया. उन्होंने इस कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटाने को लेकर बड़ा प्रयास किया था. इसमें सीएम नीतीश को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. हालांकि अंतिम मौके पर सीएम नीतीश ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया जिसके बाद एमएलसी संजय सिंह की ओर से राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम स्थगित करने की जानकारी दी गई.
दरअसल, सीएम नीतीश ने दो दिन पहले ही कर्पूरी जयंती के दौरान परिवारवाद को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने राजनीति में परिवारवादी पार्टियों और लोगों के बढने पर चिंता जताई. माना गया कि उनके निशाने पर लालू यादव जैसे राजनेता रहे जिनके परिवार के लोग बड़ी संख्या में राजनीति में हैं. सीएम नीतीश की टिप्पणी के एक दिन बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्विट पर परिवारवादी राजनीति पर टिप्पणी करने वालों को निशाने पर लिया. रोहिणी के ट्वीट के बाद भूचाल मच गया. कहा गया कि सीएम नीतीश रोहिणी के ट्वीट से खासे नाराज हुए. उसके बाद बिहार की सियासत में गुरुवार को दिन भर सियासी उठापटक देखने को मिला.
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, प्रभारी विनोद तावड़े सहित आधा दर्जन नेताओं को दिल्ली बुलाया और रात में बैठक हुई. अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद यह माना गया कि बिहार में नीतीश कुमार को एनडीए में लाने की चर्चा और उससे होने वाले नफे नुकसान पर बात की गई. इन सबके बीच राजद और जदयू की ओर से फ़िलहाल कोई भी नेता गठबंधन में अनबन होने पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
वहीं पिछले 48 घंटे के घटनाक्रम के बाद शुक्रवार सुबह गणतंत्र दिवस समरोह में नीतीश कुमार और तेजस्वी का आमना सामना हुआ. लेकिन यहां भी दोनों के बीच की अघोषित दूरी जगजाहिर हुई . दोनों एक साथ करीब डेढ़ घंटे तक मंच पर रहे लेकिन उनके बीच किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई. इसे महागठबंधन के बीच आई दरार की एक झलक के रूप में भी देखा जा रहा है.